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ट्रेन में खराब खाने और ओवरचार्जिंग से परेशान रेलवे बनवा रही है मोबाइल ऐप

चलती ट्रेन में खाने-पीने की चीजों के वाजिब दाम लोगों को बताने के इरादे से रेल मंत्रालय मोबाइल ऐप डेवलप कराने जा रहा है. रेल मंत्रालय को सोशल मीडिया के जरिए खाने-पीने की चीजों की ओवरचार्जिंग की हर महीने एक लाख से ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं.

रेलवे वेंडर्स की आती हैं श‍िकायतें रेलवे वेंडर्स की आती हैं श‍िकायतें
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

चलती ट्रेन में खाने-पीने की चीजों के वाजिब दाम लोगों को बताने के इरादे से रेल मंत्रालय मोबाइल ऐप डेवलप कराने जा रहा है. रेल मंत्रालय को सोशल मीडिया के जरिए खाने-पीने की चीजों की ओवरचार्जिंग की हर महीने एक लाख से ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं.

रेलवे के आला अफसरों के मुताबिक ट्रेन में वेंडरों की जिम्मेदारी है कि वो रेलवे के तय रेट पर लोगों को खाने-पीने की चीजें मुहैया कराएं, लेकिन ऐसा आमतौर पर नहीं हो रहा है. इससे मंत्रालय काफी चिंतित है. खास बात यह है कि रेल मंत्रालय को सोशल मीडिया पर मिल रही कुल 1 लाख शिकायतों में तकरीबन 29000 शिकायतें, खाने पीने की चीजों की घटिया क्वालिटी और ओवरचार्जिंग की होती हैं.

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रेल मंत्रालय समय-समय पर संबंधित वेंडरों पर जुर्माना ठोकता रहता है, लेकिन इन सबके बावजूद इस समस्या से जुड़ी शिकायतों में कोई कमी नहीं नजर आ रही है.

रेलगाड़ियों में शताब्दी और राजधानी जैसी कई प्रीमियम ट्रेनों में आईआरसीटीसी खान-पान मुहैया कराती है, लेकिन देश भर में ज्यादातर ट्रेनों में खान-पान का जिम्मा प्राइवेट वेंडर्स के पास है. इनमें भी तुर्रा ये है कि बड़ी संख्या में खान-पान का जिम्मा एक ही वेंडर की अलग-अलग कंपनियों को मिला हुआ है.

ट्रेनों के अंदर निजी वेंडर जो खाना परोसते हैं वो या क्वालिटी में खराब होता है, नहीं तो इसकी कीमत ज्यादा वसूली जाती है. मसलन पानी की बोतल की ट्रेन के अंदर तय कीमत 15 रुपये है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर वेंडर तय कीमत से ज्यादा वसूल रहे हैं और इसके अलावा तय ब्रांड रेल नीर या इसके समकक्ष ब्रांड की बजाय लोकल ब्रांड को ट्रेनों में ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है. इसी तरह चाय और कॉफी के कप कई बार तय साइज के मुकाबले छोटे पाए गए हैं.

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रेल में सफर करने वाले ज्यादातर यात्री इस तरह की समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं. इसके अलावा इस तरह की भी शिकायतें सामने आईं है कि राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में खान-पान स्टाफ रेलयात्रियों से टिप मांगते हैं. रेल बोर्ड के एक आला अफसर के मुताबिक हाल-फिलहाल में हद तो तब हो गई जब रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर और सूचना-प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर एक ट्रेन में जयपुर जा रहे थे तो उनसे खान-पान स्टॉफ ने टिप की मांग कर दी. इस तरह की घटनाओँ के चलते रेलवे की छवि को खासा नुकसान पहुंचता है.

इस चीज को लेकर रेल मंत्री सुरेश प्रभू काफी चिंतित हैं. प्रभू ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से इस समस्या का निदान ढ़ूढ़ने पर जोर दिया है. इसी के चलते रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को मोबाइल के जरिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने की पहल को आगे बढ़ाया था. इन सबके बावजूद मोबाइल पर ऑनलाइन खाना बुक कराने का चलन जोर नहीं पकड़ पा रहा है.

लिहाजा रेल मंत्रालय की चिंता दोगुनी हो चुकी है, जहां एक तरफ ऑनलाइन ऑन डिमांड मोबाइल पर खाना बुक कराने की मुहिम नाकाम होती हुई नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट वेंडर खान-पान में धांधली मचाए हुए है. इस स्थिति से निपटने के लिए रेल मंत्रालय ने पिछले कुछ दिनों से रेलवे अपने ट्विटर हैंडल पर लगातार लोगों को ओवरचार्जिंग की शिकायत करने के लिए मुहिम चला रही है.

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