
देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से के तमाम इलाकों में मौसम ने पूरी तरह से करवट ले ली है. बुधवार शाम दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में बारिश हुई. वहीं गुड़गांव में बारिश के साथ ओले भी पड़े. गुरुग्राम के मौसम में यह बदलाव अचानक देखा गया.
मौसम के मिजाज में सोमवार से ही बदलाव हुआ. तेज आंधी के बाद बारिश होने से लोगों को काफी राहत मिली है. पहाड़ों पर हुई बारिश और बर्फबारी के साथ मैदानों में हुई तेज हवाओं के साथ बारिश ने ज्यादातर इलाकों में तापमान नीचे गिरा दिया.
पिछले 48 घंटों से जारी बारिश
राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ बारिश का सिलसिला पिछले 48 घंटों से जारी है. मौसम विभाग का कहना है कि हिमालय के नीचे मैदानी इलाकों में पर्याप्त नमी मौजूद है और ऐसे में उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की दस्तक ने मौसम को पूरी तरह से बदल दिया है.
कई जगहों पर जारी है बारिश
पुरबा और पछुआ हवाओं के बीच हो रहे टकराव के चलते पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में तेज हवाओं के साथ कई जगहों पर बारिश का सिलसिला देखा गया है. खास बात ये है कि इसके चलते पूरे देश से हीटवेव पूरी तरह से गायब हो चुकी है.
बारिश के साथ हो रही बर्फबारी
मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में करीब हफ्ते भर हीटवेव से पूरे देश को राहत मिलेगी. इधर जहां एक तरफ मैदानी इलाकों में धूल भरी हवाओं के बीच बारिश राहत की खबर लेकर आई है, तो वहीं दूसरी तरफ हिमालय में इस बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल और जंस्कर की पर्वतमाला पर ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश के साथ-साथ बर्फबारी भी रिकॉर्ड की गई है.
हिमाचल और उत्तराखंड में बदला मौसम
हिमाचल की बात करें तो यहां पर कुल्लू-मनाली, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में कई ऊंची जगहों पर बर्फबारी देखी जा रही है. इसी के साथ उत्तराखंड भी मौसम में बदलाव से अछूता नहीं है. मई के महीने में अमूमन हिमालय पर बर्फबारी नहीं होती है, लेकिन मौसम विभाग के डीडीजीएम एके शर्मा के मुताबिक इसमें अचंभे वाली कोई बात नहीं है क्योंकि एक ऊंचाई के बाद बारिश नहीं बल्कि बर्फबारी ही होती है.
28-31 मई तक फिर बारिश के आसार
मौसम विभाग के डायरेक्टर रंजीत सिंह के मुताबिक मई का अंतिम हफ्ता इस बार बारिश की सौगात लेकर आ रहा है. 28 मई से एक दूसरा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर-पश्चिम भारत में दस्तक देने जा रहा है. इस वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते 28 तारीख से लेकर 31 तारीख तक दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाकों में कई जगहों पर तेज हवाओं के साथ बारिश होने की पूरी संभावना एक बार फिर से बनेगी.
वेदर सिस्टम को मिलेगी अच्छी नमी
28 मई से आ रहे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर पश्चिम हिमालय के साथ-साथ मध्य और पूर्वी हिमालय पर भी दिखेगा. इस वेदर सिस्टम को जहां एक तरफ अरब सागर से नमी मिलेगी, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी से अच्छी नमी मिलने की पूरी संभावना है.
ये मानसून की बारिश नहीं
मौसम के जानकारों का कहना है कि अगले एक हफ्ते में पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और बिहार में बारिश का सिलसिला जोर पकड़ेगा. इस सबके बावजूद इस दौरान होने वाली बारिश मानसून की बारिश नहीं है. जानकार मौसम के फ्रंट पर हो रही इस गतिविधि को प्रि-मानसून की बारिश मानते हैं.