
मौसम विभाग ने हिमालय के तमाम क्षेत्रों में और ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है. इसी के साथ उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान मुसाफिरों को सतर्क रहने को कहा गया है. ऐसा अनुमान है कि नम हवाएं हिमालय के तमाम इलाकों में अपनी पैठ बना चुकी हैं और मौसम में थोड़े भी उतार-चढ़ाव होने पर कई जगहों पर जोरदार बारिश की संभावना बनी हुई है. केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के इलाकों में मौसम में उतार चढ़ाव बना रहेगा और अगले तीन चार दिनों तक रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है.
हिमालय की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी
इस बार मॉर्च-अप्रैल में हिमालय में बारिश और बर्फबारी कम रही थी. लेकिन मई का महीना शुरू होते ही बार-बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ रहे हैं और इनकी ताकत भी ज्यादा रह रही है. बार बार आ रहे वेदर सिस्टम में बदलाव के चलते हिमालय की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो रही है तो निचले इलाकों और मैदानी इलाकों में बारिश. यही वजह है कि साल के सबसे गर्म महीने मई में उत्तर भारत के तमाम इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी है.
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदला हुआ है तो दूसरी तरफ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं ने मध्य भारत और दक्षिण भारत से गरमी को दूर भगा रखा है. इस वजह से मई के महीने में इस बार वैसी गरमी नहीं पड़ रही है जैसी अमूमन पड़ती है.
मौसम विभाग के मुताबिक 14 मई से एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर-पश्चिम भारत में दस्तक दे देगा. इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के तमाम इलाकों में मौसम एक बार फिर से करवट लेगा और तमाम इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना बनेगी. लेकिन इन सबके बीच मध्य भारत और दक्षिण भारत के तमाम इलाकों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना लगातार बनी रहेगी.