
आमतौर पर जेल का नाम सुनते ही गुंडे बदमाशों की सांसें फूल जाती हैं. वो जेल की रोटी खाने से बचने की जुगत में लग जाते हैं, लेकिन अब ऐसे दिन गुजर गए. अब वो दिन आ गए हैं, जब जेल के भीतर सजायाफ्ता मुजरिमों की सेहत बनने लगी है. वो पहले से कहीं ज्यादा चुस्त-दुरुस्त और तंदरुस्त हो गए हैं.
कई कैदियों का वजन सात से पंद्रह किलो तक बढ़ गया है. रायपुर के सेंट्रल जेल में जब कैदियों का मेडिकल टेस्ट हुआ तो उनकी सेहत देख कर जेल प्रशासन भी सकते में आ गया. कैदियों की निखरी रंगत को देख कर अधिकारी यही कह रहे हैं कि जेल यातना गृह नहीं बल्कि सुधार गृह बन गए हैं. रायपुर के सेंट्रल जेल में सजा काट रहे इन कैदियों की तंदुरुस्ती देखते ही बन रही है.
सेंट्रल जेल में धोखाधड़ी के मामले में सात साल की सजा काट रहा नरेश नामक कैदी आठ माह पहले जब जेल में दाखिल हुआ था तब उसका वजन मात्र 60 किलो था. लेकिन अभी साल भर भी नहीं हुआ कि उसका वजन 77 किलो तक पहुंच गया है. यही हाल रवि और मनीष का भी है. ये दोनों कैदी आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं. सिर्फ नरेश ही नहीं सेंट्रल जेल में बंद लगभग तीन हजार कैदियों में से 1,435 ऐसे कैदी हैं जिनका वजन औसतन सात से पंद्रह किलो तक बढ़ा है.
इन कैदियों का सिर्फ वजन ही नहीं बढ़ा बल्कि कई बीमारियों से भी उनको छुटकारा मिल गया. कई की तो सूरत ही बदल गयी है. कई का पेट तक निकल आया है. रायपुर सेंट्रल जेल के DIG केके गुप्ता के मुताबिक पहले जेल में कैदियों को सिर्फ खाना खिलाने पर जोर दिया जाता था, गुणवत्ता पर नहीं. अब गुणवत्ता को महत्त्व दिया जाता है, साथ ही खाने के स्वाद पर भी. उनके मुताबिक तमाम कैदियों को कैलोरी युक्त भोजन समय पर मुहैया होने, बेहतर स्वास्थ सुविधा मिलने और कई तरह की मुफ्त सुविधाएं मिल रही हैं.
जेल मैन्युअल के अनुसार विधाराधीन कैदी को रोजाना 1800 कैलोरी युक्त और सजायाफ्ता कैदी को 2100 कैलोरी युक्त भोजन दिया जाता है. इसके अलावा सुबह-शाम चाय और नाश्ता मिलता है. त्योहारों और राष्ट्रीय पर्वो पर विशेष भोजन परोसा जाता है. स्वस्थ रखने के लिए उन्हें शारारिक श्रम भी कराया जाता है. रूचि के अनुसार काम दिया जाता है. उन्हें स्टीम फ़ूड से लेकर गैस से पका खाना मुहैया कराया जाता है.
मेडिकल जांच में सामने आया है कि कुल पुरुष कैदियों की संख्या में से 48 फीसदी कैदियों का वजन सात से दस किलो तक बढ़ा है. आठ फीसदी कैदियों के वजन में 15 किलो तक की बढ़ोतरी हुई है. 14 फीसदी कैदी जेल में दाखिल होने के बाद स्लिम ट्रिम हुए हैं. जबकि 33 फ़ीसदी कैदी पूरी तरह से फिट और सामान्य हैं.