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राजस्थान: कांग्रेस के 80 उम्मीदवार तय, गहलोत भी लड़ेंगे चुनाव

राजस्थान में चुनावी रणभेरी बज जाने के बाद अब पार्टियों की अगली चुनौती सही उम्मीदवारों का चयन है. इसी क्रम में काग्रेस ने लगभग 80 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं.

कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत (फाइल फोटो: ट्विटर @ashokgehlot51) कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत (फाइल फोटो: ट्विटर @ashokgehlot51)
विवेक पाठक/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

राजस्थान में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उम्मीदवारों के चयन के लिए चली लंबी प्रक्रिया के बाद कांग्रेस ने प्रदेश की 80 सीटों पर नाम तय कर दिया है. खास बात यह है कि राज्य की राजनीति से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में जगह बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चुनाव लड़ेंगे. इसी के साथ इस तरह की चर्चा पर विराम लग गया है जिसमें कहा जा रहा था कि गहलोत अब प्रदेश की राजनीति नहीं करेंगे.   

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अशोक गहलोत और गिरिजा व्यास का नाम तय

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत अपनी पारंपरिक सीट जोधपुर के सरदारपुरा से चुनाव लड़ेंगे. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास का नाम उदयपुर शहर से तय माना जा रहा है. भरतपुर जिले की डीग-कुम्हेर सीट से मौजूदा विधायक विश्वेंद्र सिंह का नाम तय है. पूर्व राज्यसभा सांसद नरेंद्र बुडानिया का नाम चुरू के तारानगर विधानसभा सीट से तय है, जबकि पूर्व विधायक जाकिर हुसैन का नाम नागौर जिले की मकराना विधानसभा से तय हुआ है.

सरदारपुरा विधानसभा अशोक गहलोत की परंपरागत सीट रही है. 1998 में जब गहलोत मुख्यमंत्री बने तो वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़े थे. सरदारपुरा से विधायक मानसिंह देवड़ा ने उनके लिए सीट खाली कर दी. जिसके बाद हुए उपचुनाव में जीत के बाद से गहलोत लगातार इस सीट से विधायक हैं.

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सूत्रों के अनुसार उदयपुर लोकसभा का तीन बार प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास उदयपुर शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के कद्दावर नेता और वसुंधरा सरकार में मंत्री गुलाब चंद कटारिया से होगा. कटारिया पिछली तीन बार से इस सीट से विधायक हैं.

डीग-कुम्हेर से विश्वेंद्र पर भरोसा

वहीं, विश्वेंद्र सिंह के बारे में बात करें तो 2013 की प्रचंड सत्ताविरोधी लहर में भरतपुर जिले की सात सीटों में से जो एकमात्र सीट कांग्रेस के खाते में आई थी वो डीग-कुम्हेर ही थी. हालांकि, इसके बाद कांग्रेस ने उपचुनाव में जिले की एक और सीट जीती. लिहाजा डीग-कुम्हेर सीट पर कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत चेहरे पर भरोसा किया है.

200 विधानसभा सीटों पर क्या है गणित?

आपको बता दें कि राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 7 दिसंबर को मतदान होना है. जबकि नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 163 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई. बसपा को 3, NPP को 4, NUZP को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

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