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लाडनूं: जोधपुर की पुरानी जागीर पर अब किसकी जीत?

राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीट हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 163 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस महज 21 विधानसभा सीट ही जीत पाई थी.

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018: प्रतीकात्मक फोटो राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018: प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • नागौर,
  • 06 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 10:56 PM IST

राजस्थान में जयपुर समेत पूरे प्रदेश में चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी-कांग्रेस समेत कई अन्य दल और नेता भी अपनी अपनी जीत के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. मारवाड़ के नागौर में भी कुछ ऐसा है. जानते हैं यहां की लाडनूं सीट का हाल...

यह जिला जाट राजनीति का केंद्र माना जाता है. बलदेव राम मिर्धा परिवार के दो सदस्य रामनिवास मिर्धा और नाथूराम मिर्धा के समय जाट राजनीति शिखर पर पहुंची. इन्हीं के चलते नागौर जाट राजनीति का सियासी केंद्र बना. जिले में कुल 10 विधानसभा सीट हैं, जिनमें से 8 सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 2 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. पिछले चुनाव में इनमें से बीजेपी ने 5, कांग्रेस ने 4 और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी.

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लाडनूं विधानसभा क्षेत्र नागौर लोकसभा क्षेत्र में आता है और यहां की जनता में 19.02 फीसदी एससी और 0.14 फीसदी एसटी वर्ग की है. वहीं 2017 की वोटिंग के अनुसार क्षेत्र में 219113 मतदाता हैं और 229 मतदाता केंद्र हैं. लाडनूं का इतिहास भी काफी पुराना है. राजस्थान राज्य बनने से पहले यह जोधपुर रियासत की जागीर थी.

2013 विधानसभा चुनाव

लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के मनोहर सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रहे हरजीराम बुरडक को 23051 वोटों से हराया था. इस दौरान मनोहर सिंह को 73345 और हरजीराम बुरडक को 50294 वोट मिले थे. इस दौरान क्षेत्र के 199257 मतदाताओं में से 141914 उम्मीदवारों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.

2008 विधानसभा चुनाव

वहीं 2008 में कांग्रेस के हरजीराम बुरकड़ ने बीजेपी के मनोहर सिंह को हराया था. इस दौरान हरजीराम को 48875 और मनोहर सिंह को 40677 वोट हासिल हुए थे.

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विधानसभा का समीकरण

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

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