
राजस्थान के सरहदी इलाकों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की नापाक हरकतें जारी हैं. जिसके चलते भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए आईएसआई के तीन जासूसों को बाड़मेर जिले से गिरफ्तार कर लिया है. बाड़मेर के जाने-माने व्यवसाई महेश्वरी बंधु देश के दुश्मनों को अहम जानकारी दे रहे थे.
तीन जासूस गिरफ्तार
खुफिया एजेंसियों ने गुप्त सूचना के आधार पर आईएसआई के तीन जासूसों को गिरफ्तार किया है. जिनमें व्यवसाई संतराम महेशवरी और विनोद महेश्वरी के नाम प्रमुख हैं. इसके अलावा बाड़मेर की एक मजार के केयरटेकर दीना खान को भी गिरफ्तार किया गया है. दीना खान बाड़मेर के चौहटन के तालेड़ा का रहने वाला है. मजार के चढ़ावे से ही वह जीवन यापन करता था.
महेश्वरी बंधु के इशारे पर काम करता था दीना
ISI एजेंट महेश्वरी बंधु दीना खान को जानकारी जुटाने के लिए पैसा देते थे. दरअसल, दीना खान मजार की आड़ में छिपकर जासूसी करता था. वह भारतीय सेना के मूवमेंट और सामरिक ठिकानों की जानकारी तस्वीरों समेत पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के हैंडलर को देता था.
ISI से मिलता था महेश्वरी बंधु को पैसा
इस काम के बदले संतराम महेश्वरी और विनोद महेश्वरी उसे मोटी रकम देते थे. छानबीन में पता चला है कि दीना खान हकीकत में एक पाकिस्तानी है, जो लम्बे समय से लोग टर्म वीजा पर भारत में रह रहा था. महेश्वरी बंधुओं को आईएसआई से जासूसी के लिए मोटी रकम मिलती थी.
विदेशों में रहते हैं हैंडलर
खुफिया एजेंसी के अनुसार दीना खान जिस मजार की देखभाल करता था. उससे जुड़े लोग विदेशों में रहते हैं. जो हैंडलर की तरह काम करते थे. महेश्वरी बंधु और दीना खान को धारा 3, 39 शासकीय गुप्त बात अधिनियम और धारा 120बी आईपीसी के तहत जासूसी और षड़यंत्र कर धन उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पहले भी पकड़े जा चुके हैं महेश्वरी बंधु
जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि संतराम महेश्वरी और विनोद महेश्वरी को पहले भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अब इन तीनों को जयपुर लाया गया है. जहां खुफिया एजेंसियां और सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से इन लोगों से पूछताछ कर रही हैं.
जासूसी के लिए पाकिस्तानी सिम कार्ड
एजेंसियों को इन तीनों के पास से पाकिस्तानी मोबाइल सिम कार्ड मिले हैं. जिससे वे बार्डर के पास जाकर मोबाइल के जरीए सूचनाएं आईएसआई पाकिस्तान को भेजते थे. सिम कार्ड पाकिस्तानी होने की वजह से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन्हें नहीं पकड़ पाती थी. इन तीनों के पास से बहुत सारे सेना और सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं.
आईएसआई बना रही है हिंदू एजेंट
पिछले कुछ समय से आईएसआई हिंदूओं को अपने जासूसी रैकेट में फंसा रही है ताकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन पर शक न कर सकें. जिन लोगों के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं, आईएसआई उनके रिश्तेदारों के जरीए लालच और दबाव बनाकर भारत में रहने वाले लोगों को अपने चंगुल में फंसाती है. महेश्वरी बंधु भी अपने पाकिस्तानी रिश्तेदारों के जरीए हीं आईएसआई के संपर्क में आए थे.
बताते चलें कि इससे पहले भी राजस्थान से आईएसआई के कई हिंदू एजेंट गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिनमें रिटायर्ड फौजी भी शामिल थे. अब सुरक्षा एजेंसियां ISI के नेटवर्क के बारे में पता लगाने कोशिश कर रही हैं. ताकि इनके संपर्क में रहने वाले लोगों का पता चल सके.