
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 5 सितंबर को कलेक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सरकारी योजनाओं का जायजा ले रहे थे. इस दौरान सरकारी योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आग बबूला हो उठे और लोगों की समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
नौ अधिकारियों को हाथों-हाथ सस्पेंशन का ऑर्डर थमा दिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुस्से में थे और लगे हाथ तीन अधिकारियों को तो चार्जशीट भी थमा दी. राजस्थान में पहली बार इस तरह की घटना घटी कि एक दिन में नाराज मुख्यमंत्री ने इतने अधिकारियों को सस्पेंड कर कार्रवाई की है.
कई अधिकारी निलंबित
उपखंड अधिकारी सुरेश कुमार बुनकर को खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोड़ने में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया.
संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायत के निस्तारण में कोताही बरतने पर बुहाना के उपखंड अधिकारी जय सिंह तहसीलदार मांगी और राम पुनिया कनिष्ठ सहायक भुवनेश्वर को भी सस्पेंड कर दिया.
जब पालनहार योजना की समीक्षा करने बैठे तो पालनहार योजना में लाभार्थी का नाम जोड़ने में देरी पर रानीवाड़ा के तत्कालीन ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार बिश्नोई को भी सस्पेंड किया.
खाद्य सुरक्षा के पात्र अभ्यर्थियों को लाभ से वंचित करने पर पंचायत समिति के कार्यवाहक विकास अधिकारी रामपाल शर्मा और मुख्यमंत्री निवास पर जनसुनवाई में प्राप्त आवेदन के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर जोपाड़ा के पटवारी अशोक कुमार शर्मा निलंबित हुए.
संपर्क पोर्टल पर शिकायत में लापरवाही पर ग्राम पंचायत देवनगर के विकास अधिकारी सत्यनारायण व कनिष्ठ सहायक विक्रम सिंह को निलंबित किया गया है.
इन्हें थमा दी गई चार्जशीट
पालनहार योजना में लाभार्थी का नाम जोड़ने में लापरवाही पर जालौर के सहायक न्याय अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक करतार सिंह नरेगा को चार्ज सीट भी थमा दी गई.
जॉब कार्ड जारी करने की संपर्क पोर्टल पर शिकायत निस्तारण में लापरवाही पर अजमेर जिले में पदस्थापित विकास अधिकारी दिलीप कुमार को भी चार्जशीट दी गई है.
मुख्यमंत्री निवास पर तत्कालीन तहसीलदार कैलाश मीणा को भी चार्जशीट दी गई है.