
सचिन पायलट कोई जोखिम नहीं लेना चाहते. फरवरी में हुए तीन उप-चुनावों में कांग्रेस की जीत के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यह भली-भांति समझ रहे हैं कि यदि विधानसभा चुनाव जीतना है तो राज्य में कांग्रेस के प्रति जो माहौल दिख रहा है उसे दिसंबर के चुनावों तक बनाए रखना होगा.
उन्हें भान है कि विधानसभा चुनावों में जीत का कांग्रेस को न सिर्फ अगले साल लोकसभा चुनावों में राजस्थान में लाभ मिलेगा, बल्कि कांग्रेस को कई राज्यों में माहौल बनाने में मदद मिलेगी.
"मेरा बूथ मेरा गौरव'' अभियान के तहत पार्टी द्वारा नियुक्त करीब 50 हजार बूथ प्रबंधकों में जोश भरने के लिए पायलट राज्य के दौरे पर हैं और अब तक 17 जिलों का दौरा कर चुके हैं. उनकी चुनावी रणनीति 2013 में भाजपा की उस चुनावी रणनीति से प्रभावित दिखती है जिसने उसे सफलता दिलाई थी. प्रदेश में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं, "वे (पायलट) पहले फेसबुक का सहारा लेते हैं और समस्या को अच्छे से समझते हैं.
उसके बाद ही उसपर कोई राय देते हैं या कार्य योजना सुझाते हैं.'' पायलट ने चुनावी रणनीतियों की खामियों का आंकलन करा लिया है और उसे दुरुस्त करने की भावी कार्य योजनाएं तैयार कर चुके हैं. नए जोश से भरपूर पार्टी संगठन यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि केवल असल कार्यकर्ताओं की ही सूची बनाई जाए; मतदाता सूची में नाम एक से अधिक बार दर्ज न हों; और किसी समर्पित कांग्रेसी परिवार के विभिन्न वोटरों के नाम मतदाता सूची में अलग-अलग बूथों पर दर्ज न हों.
यह एक बड़ा और मेहनत वाला काम है. 50,000 बूथ प्रबंधकों, जिनका व्यक्तिगत रूप पर सत्यापन कराया गया है, से उन स्थानीय मुद्दों पर राय ली जा रही हैं जिनके जरिए राज्य सरकार को घेरा जा सकता है और जिनके संदर्भ में वादे करके वोटरों को रिझाया जा सकता है. इसके पूरा होने के बाद पायलट के जुलाई के आखिर तक राज्यव्यापी संपर्क अभियान शुरू करने की उम्मीद है.
उस वक्त ज्यादातर किसान गर्मी की अपनी फसल में व्यस्त रहेंगे, सो कांग्रेस नेताओं की योजना है कि वे संपर्क के लिए किसानों के सीधे घर तक जाएंगे. भाजपा के संपर्क अभियान जिसकी शुरुआत एक पूर्व मुख्य सचिव और कुछ सेलेब्रिटीज से मुलाकात के साथ की गई, पर तंज कसते हुए पायलट कहते हैं, "हम जनता को सरकार की नीतियों से परिचित कराने की जिम्मेदारी सलमान खान या माधुरी दीक्षित या किसी मुख्य सचिव को नहीं देने वाले हैं.''
पायलट अपनी बैठकों में युवाओं और किसानों को लाने पर जोर दे रहे हैं. पायलट कहते हैं, "युवा परेशान और नाराज हैं क्योंकि भाजपा का 15 लाख रोजगार देने का वादा एक चुनावी जुमला साबित हुआ. किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसलिए वे मेरी सभाओं में आते हैं.''
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