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राजस्थान: महंगी पड़ी 'मॉब लिंचिंग' की राजनीति, फायरब्रांड नेताओं के कटे टिकट

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं. इस बीच 'फायरब्रांड' नेताओं का टिकट कटना चर्चा का मुद्दा है कि इस बार टिकट वितरण में किसकी चली है, संघ ज्यादा हावी है या वसुंधरा राजे.

ज्ञानदेव आहूजा की फाइल फोटो (ANI) ज्ञानदेव आहूजा की फाइल फोटो (ANI)
शरत कुमार/रविकांत सिंह
  • जयपुर,
  • 15 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी पर टिकट बांटने में हिंदुत्व एजेंडा अपनाने के भले ही आरोप लग रहे हों लेकिन वसुंधरा राजे ने बीजेपी के उन सभी विधायकों का टिकट काट दिया है जो हिंदुत्व के नाम पर मुसलमानों को भला- बुरा कहते थे.

मॉब लिंचिंग का खुलेआम समर्थन करने वाले दो विधायक समेत एक मंत्री का टिकट कट गया है और एक मंत्री को अब तक टिकट नहीं मिला है. इनमें सबसे पहला नाम अलवर के रामगढ़ से विधायक ज्ञानचंद आहूजा का है. आहूजा खुले आम गौ हत्या के नाम पर लोगों को मारने वालों के बचाव में बोलते थे और कहते थे कि गौ हत्या के आरोपियों को पीट-पीटकर मार डाला चाहिए. इसी तरह से मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की बात भी करते थे लेकिन वसुंधरा राजे ने उन्हें इस बार बनवास भेज दिया है.

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इसी तरह अलल शहर के विधायक बनवारीलाल सिंघल हिंदुत्व के ब्रांड नेता बन गए थे और कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बहुत करीबी थे. वे अक्सर बोलते रहे हैं कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है और कांग्रेस को हराने के लिए सभी हिंदू एकजुट हो जाएं. चुनाव की घोषणा से पहले ही हिंदुत्व के नाम पर वोट मांग रहे सिंघल को वसुंधरा राजे ने टिकट काटकर घर रवाना कर दिया है.

टिकट कटनेवालों में नाम सरकार में शामिल मंत्री धन सिंह रावत का भी है. 10 दिन पहले वीडियो सामने आया था जिसमें धन सिंह एक सभा को संबोधित करते हुए यह सुने गए थे कि 'मुसलमानों को राजस्थान से निकालना है तो बीजेपी को वोट दीजिए, अगर आप सभी हिंदू बीजेपी को वोट नहीं देंगे तो मुसलमान हावी हो जाएंगे.' बालवाड़ी विधायक रावत के इस वीडियो पर निर्वाचन आयोग ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. इनका टिकट वसुंधरा राजे ने काट दिया है.

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इसके अलावा राजस्थान सरकार में शामिल श्रम मंत्री जसवंत यादव के वीडियो सोशल मीडिया में चल रहे थे जिसमें अपनी सभाओं में मुसलमानों को भला बुरा कहके हिंदुओं को बीजेपी को वोट देने की अपील कर रहे थे. इनके भी बहरोड सीट की घोषणा रोक दी गई है और कहा जा रहा है कि इस बार जसवंत यादव को टिकट नहीं दिया जा रहा.

वसुंधरा सरकार ने इस बार गौ हत्या के नाम पर हो रहे मॉब लिंचिंग के जितने भी समर्थक विधायक थे, सबकी चुनाव लड़ने से विदाई कर दी है. जिन लोगों के टिकट कटे हैं, वे सभी संघ के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में चर्चा चल रही है कि इस बार टिकट वितरण में किसकी चली है. संघ ज्यादा हावी है या वसुंधरा राजे. कहीं-कहीं संघ भले ही टिकट दिलवा दिया है लेकिन वसुंधरा राजे की लिस्ट पूरी तरह से दिख रही है.

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