
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के 20 दिन बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी को झटका लगा है. वहीं, बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही. सूबे के 8 जिलों के 10 सीटों पर हुए पंचायत उपचुनाव में से बीजेपी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस को महज 4 सीटें मिली हैं. बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए पंचायत के उपचुनाव के नतीजे रोक दिए गए थे.
बता दें कि इन 10 सीटों पर 28 सितंबर को मतदान हुआ था. इनमें से 6 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी और एक पर निर्दलीय का कब्जा था. इस लिहाज से देखें तो बीजेपी को पिछले चुनाव की तुलना में 3 सीटों का फायदा हुआ है और कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान हुआ है.
बीजेपी ने अलवर जिला परिषद की एकमात्र सीट के साथ पंचायत समिति की 5 सीटों पर जीत हासिल की है . भीलवाड़ा की मांडलगढ़ ,चुरू की बिदासर ,दौसा के लावणा,नागौर के मेड़ता और पाली जैतारण पंचायत समिति की 1 -1 सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है.
बिदासर, मेड़ता ,जैतारण कांग्रेस से और लवाण सीट निर्दलीय से बीजेपी ने छिनी है. हालांकि, धौलपुर के बाड़ी पंचायत समिति की तीनों सीटें कांग्रेस ने जीती है. जबकि लाडपुरा सीट को कांग्रेस ने बीजेपी से छिनी है.
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'उपचुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि नई सरकार लोगों के विश्वास पर खरा नहीं उतरी है. महज 20 दिनों में सरकार से लोगों का मोहभंग हो गया है. कांग्रेस ने वादा किया था कि 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर देंगे, लेकिन आज तक एक पैसे का कर्जा माफ नहीं किया है.' वहीं, कांग्रेस की और से कहा गया है कि हम हर छोटे-बड़े चुनाव को महत्व देते हैं और इस उपचुनाव की भी समीक्षा करेंगे.