
राजस्थान में अब बिना कलेक्टर की अनुमति के धर्म परिवर्तन नहीं होगा. लव जिहाद जैसे मामलों पर काबू पाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के जज गोपालकृषण ने लव जिहाद के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक राज्य में धर्म परिवर्तन से संबंधित कोई कानून नहीं बन जाए तबतक हाईकोर्ट का ये निर्देश लागू रहेगा.
जोधपुर में एक परिवार ने लवजिहाद का आरोप लगाते हुए एक मुस्लिम लड़के पर अपनी लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कर शादी करने का आरोप लगाया था. तब हाईकोर्ट ने लड़की को सरकारी नारी निकेतन में भेजते हुए राज्य सरकार से कहा था कि किसी के लिए भी धर्म परिवर्तन करना मजाक बन गया है. आपके इसके लिए क्या नियम है बताएं. राज्य सरकार ने कोर्ट को जवाब दिया था कि उसने विधेयक बना लिया है जिसकी मंजूरी के लिए गृहमंत्रालय के जरीए राष्ट्रपति को भेजा है.
उस मामले में लड़की ने कहा कि वो खुद की मर्जी से शादी कर रही है और किसी की दखलंदाजी नही चाहती हैं. तब कोर्ट को लड़की को लड़के के साथ भेजना पड़ा था. इस फैसले के बाद अब किसी भी लड़की-लड़के की धर्म परिवर्तन कर शादी आसान नहीं होगा, क्योंकि जबतक कलेक्टर अनुमति नहीं देता तबतक धर्म परिवर्तन को कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी. इस बारे में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन को लेकर दस बिंदू के निर्देश दिए हैं जो जबतक राज्य सरकार धर्म परिवर्तन को लेकर कानून नहीं बना लेती तबतक लागू रहेगा.