
महिला कर्मचारी से यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी राजेंद्र पचौरी ने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पैनल के अध्यक्ष पद से मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है. यूएन ने इस बाबत बयान जारी करते हुए इस्तीफे की पुष्टि की है. पचौरी ने इस्तीफा देने से पहले सोमवार को हाई कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका वापस भी ले ली थी. हालांकि, जमानत के लिए वह निचली अदालत का रुख कर सकते हैं.
पचौरी की ओर से जज एसपी गर्ग के समक्ष दायर जमानत याचिका को सूची से हटा दिया गया था, क्योंकि उन्हें राहत के लिए निचली अदालत से संपर्क करना है. हाई कोर्ट स्टाफ ने कहा कि पचौरी की जमानत याचिका को गलती से अधिसूचित कर दिया गया था, क्योंकि उन्हें 23 फरवरी तक के लिए अंतरिम सुरक्षा देते हुए जज ने पहले ही नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करने के लिए कह दिया था.
मामले में जांच के दौरान पुलिस के हिरासत में लिए जाने के डर से पचौरी ने अग्रिम जमानत के लिए पचौरी हाई कोर्ट का रुख किया था. इसके न्यायमूर्ति गर्ग ने 19 फरवरी को पचौरी को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा मुहैया कराई थी. इससे पहले आदेश जारी करते हुए अदालत ने उनके आवेदन का निबटारा कर दिया था. उसके बाद पचौरी को जमानत याचिका लेकर निचली अदालत के न्यायाधीश के सामने जाना है.
हाई कोर्ट ने 19 फरवरी को अपने पूर्व के आदेश में बदलाव कर दिया, जिसमें मीडिया घरानों को द एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के महानिदेशक राजेंद्र कुमार पचौरी के खिलाफ शहर के एक थिंकटैंक की शोध विश्लेषक द्वारा लगाए गए आरोपों को छापने से रोका गया था. मीडिया को इस मामले के बारे में छापने से रोकने के आदेश की मांग करने वाले पचौरी ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह हैकिंग के शिकार रहे हैं.