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राजीव गांधी नहीं आना चाहते थे राजनीति में, जानें कैसे बने देश के सबसे युवा PM

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ही देश में पहला कंप्यूटर लेकर आए थे. जानें उनके बारे में..

 राजीव गांधी (फाइल फोटो) राजीव गांधी (फाइल फोटो)
प्रियंका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:20 AM IST

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की आज पुण्यतिथि है. वह देश के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे. उनकी हत्या आज ही के रोज 21 मई 1991 को प्रतिबंधित लिट्टे आतंकियों द्वारा कर दी गई थी. वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे. लेकिन हालात ऐसे बने कि वो राजनीति में आए और देश के सबसे युवा पीएम के रूप में उनका नाम दर्ज हो गया. आइए जानते हैं कैसे बने वह देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री...

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-राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था.

-1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे प्रधानमंत्री बने. राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पायलट की नौकरी करते थे और उसी में खुश थे. लेकिन आपातकाल के उपरांत जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. वहीं साल 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद माता इंदिरा का सहयोग देने के लिए उन्होंने राजनीति में एंट्री की.

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-राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई, 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई के एक आत्मघाती हमलावर ने उनकी हत्या कर दी थी.

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-राजीव गांधी साल 1966 में ब्रिटेन से प्रोफेशनल पायलट बनकर लौटे. वे दिल्ली-जयपुर-आगरा रूट पर विमान उड़ाते थे. जब वे प्रधानमंत्री बने तब उनकी उम्र 40 साल 72 दिन थी.

- MTNL, VSNL और PCO उनके कार्यकाल की ही देन हैं. देश ने टेलिकॉम क्रांति भी उनके दौर में ही देखी.

- राजीव गांधी की शादी सोनिया गांधी से हुई. राजीव गांधी से उनकी मुलाकात तब हुई जब राजीव कैम्ब्रिज में पढ़ने गए थे.

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-साल 1968 में राजीव गांधी और सोनिया ने शादी कर ली. उनके दो बच्चे हैं- पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी. उनके पुत्र राहुल गांधी वर्तमान में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं.

-राजीव गांधी साल 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान श्रीपेरुमबुदुर में लिट्टे के आत्मघाती हमले का शिकार हुए थे. धनु नाम की महिला हमलावर ने राजीव गांधी के पैर छूने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था. इस हमले में राजीव गांधी के अलावा 14 और लोगों की जान चली गई थी.

डिजिटल इंडिया के जनक थे राजीव गांधी

- राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारतीय घर तक लाने का काम किया बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया. देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनी एमटीएनएल और वीएसएनएल की शुरुआत उनके कार्यकाल के दौरान हुआ.

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(जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले डिजिटल कंप्यूटर के साथ)

- बता दें, दुनिया को पहला कंप्यूटर 1940 के आखिर में मिला, लेकिन भारत ने पहली बार 1956 में कंप्यूटर खरीदा. तब इसकी कीमत 10 लाख रुपये थी और इसका नाम HEC-2M था. सबसे पहले इसे कोलकाता के इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट में इंस्टॉल किया गया. तब का कंप्यूटर अभी जैसा नहीं था और यह काफी बड़ा भी था. हालांकि, यूजर्स के लिए भारत में कंप्यूटर्स काफी बाद में आए.

- आपको बता दें कि, राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री बनते ही 1984 में माइक्रो कंप्यूटर्स पॉलिसी की नींव रखी. इसके तहत प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को 32 बिट कंप्यूटर्स बनाने का अधिकार मिला.

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