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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी करार दिए गए मुरगन, सांथन, पेरारीवलन को फांसी देने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दी है. केंद्र ने क्यूरेटिव पेटीशन दाखिल कर फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
7 दोषियों की रिहाई का था फैसला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीनों की सजा फांसी से घटाकर उम्र कैद कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट से राजीव गांधी के तीन हत्यारों की फांसी उम्रकैद में तब्दील होने के बाद तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी के सभी सातों हत्यारों संथन, श्रीहरन उर्फ मुरुगुन, पेरारिवलन, नलिनी, रार्बट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार को रिहा करने की घोषणा की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सजा उम्रकैद में बदल दी थी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2014 को राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा पाए तीन मुजरिमों संथन, मुरुगन और पेरारिवलन की सजा को आजीवन कैद में बदल दी थी. तीनों ने दया याचिकाओं के निबटारे में देरी के आधार पर मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसका विरोध कर रही केंद्र सरकार के तमाम तर्कों को खारिज करते हुए उन्हें यह राहत दी थी.