1984 में बहुमत पाने वाले आखिरी प्रधानमंत्री राजीव गांधी 2014 में नए प्रधानमंत्री से क्या कहते? पूर्व केंद्रीय गृह सचिव और माइ इयर्स विद राजीव एंड सोनिया के लेखक आर.डी. प्रधान ने हमें बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने 7 रेसकोर्स रोड के नए निवासी से क्या उम्मीदें की होतींः
1. भविष्य के लिए एक दूरदृष्टि रखना. भारत के नौजवान बेचैन हैं और वोट बैंक की राजनीति से बुरी तरह से ऊब चुके हैं. वे आधुनिक शिक्षा और रोजगार चाहते हैं.
2. वित्त और रक्षा मंत्रालय सावधानीपूर्वक चलाना. राजीव अर्थव्यवस्था को मनचाही रफ्तार पर दौड़ाने में कामयाब नहीं हो पाए थे. रक्षा मंत्रालय ने उनके दामन पर भ्रष्टाचार के आरोपों का दाग भी लगाया था.
3. आंतरिक असंतोष को मजबूती से रोकना. राजीव वी.पी. सिंह पर नरम बने रहे. उन्होंने महज इतना कदम उठाया कि उन्हें वित्त मंत्रालय से रक्षा मंत्रालय में भेज दिया.
4. नौकरशाही को नया आकार देना. राजीव ने नौकरशाही के प्रशिक्षण और उनमें प्रबंधन क्षमता विकसित करने पर बल दिया था. वे कामयाब नहीं हुए.
5. निचले स्तर पर प्रशासन में सुधार करना. शासन को सबसे निचले पायदान से पुनर्गठित किए जाने की जरूरत होती है. राजीव इसके प्रति जागरूक थे इसलिए वे पंचायती राज बिल लाए थे.