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ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ आरजेडी ने भी कांग्रेस को दिया जोर का झटका

आरजेडी के इस फैसले से कांग्रेस सकते में हैं क्योंकि उसे भरोसा था कि आरजेडी लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करते हुए एक सीट कांग्रेस को देगी.

राज्यसभा उम्मीदवारों के साथ तेजस्वी (PTI फोटो) राज्यसभा उम्मीदवारों के साथ तेजस्वी (PTI फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 12 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

  • RJD दोनों सीटों पर उतारे RS प्रत्याशी
  • चुनाव से पहले महागठबंधन को झटका

कांग्रस जब मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने का गम मना रही है ठीक उसी समय पार्टी की पुरानी सहयोगी आरजेडी ने भी उसे जोर का झटका दिया है. आरजेडी ने अपने हिस्से के दो राज्यसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के पर्चे भी दाखिल करवा दिए जबकि कांग्रेस उसे लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों की याद दिलाती रह गई.

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आरजेडी के राज्यसभा सांसद और पुराने कारोबारी प्रेमचंद गुप्ता को टिकट मिलना तो तय माना जा रहा था लेकिन नए खिलाड़ी अमरेन्द्रधारी सिंह को आरजेडी का टिकट मिलना सबको चौंका गया. यहां तक कि आरजेडी के नेता भी उन्हें नहीं जानते थे क्योंकि पर्चा दाखिल करने से पहले किसी ने उन्हें देखा भी नहीं था.

फैसले पर लालू की मुहर

अमरेन्द्रधारी सिंह पटना के रहने वाले है और बड़े कारोबारी है. जाति से भूमिहार हैं और देश के कई हिस्सों में उनका कारोबार फैला हुआ है. आरजेडी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए अधिकृत किया था. लालू प्रसाद ने ही प्रेमचंद गुप्ता और अमरेन्द्रधारी सिंह की उम्मीदवारी पर मुहर लगाई और गुरूवार को दोनों ने अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया.

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आरजेडी के इस फैसले से कांग्रेस सकते में हैं क्योंकि उसे भरोसा था कि आरजेडी लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करते हुए एक सीट कांग्रेस को देगी. बीजेपी से आए बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा भेजकर कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के गम को कम करने की कोशिश करती लेकिन कांग्रेस हाथ मलती रह गई. आरजेडी ने वादों को भुलाते हुए अपने दोनों उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं.

कांग्रेस और आरजेडी का बिहार में लम्बा साथ रहा है और हर बार कहीं न कहीं कांग्रेस ठगी जाती रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने 14 सीटों की मांग की तब आरजेडी ने उसे यह कह कर 9 सीटें दी कि एक सीट राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के हिस्से में जायेगी. लेकिन तेजस्वी यादव को शायद अपना वो वादा याद नहीं रहा. उन्होंने कहा कि वो बात अब खत्म हो गई है.

'जारी रहेगा कांग्रेस का साथ'

तेजस्वी यादव ने कहा कि जो शीर्ष नेतृत्व है राजद और कांग्रेस का उनकी बात हो गई है, सोनियाजी की बात थी वो हमने लालूजी के पास बात रख दी, बात शीर्ष स्तर की बातचीत के बाद खत्म हो चुकी है. तेजस्वी ने कहा कि हम लोगों ने कांग्रेस को बहुत मौका दिया है और हर बार कांग्रेस को साथ लेकर चलने का काम किया है, आगे भी यह कोशिश जारी रहेगी.

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लेकिन कांग्रेस का कहना है कि गठबंधन में इस तरह का व्यवहार उचित नही है. कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने आरजेडी के द्वारा उनके बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के पत्र को फर्जी कहने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई. आरजेडी के इस एक तरफा फैसले से कांग्रेस खेमे में नाराजगी है और इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव और महागठबंधन के अस्तित्व पर भी पड़ सकता है.

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