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बहुत जल्द बदलेगा गाड़ी चलाने का कानून, जुड़ सकते हैं ये नियम

रिपोर्ट में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अधिकतम सज़ा 7 साल तक बढ़ाने की सिफारिश की गई है. अगर शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से किसी की जान जाती है तो अभी ये सज़ा 6 महीने से अधिकतम 2 साल है.

राज्यसभा राज्यसभा
रणविजय सिंह/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:40 AM IST

आप सड़क पर गाड़ी किस तरह से चलाते हैं, बहुत जल्द इसे लेकर एक कानून पास हो सकता है. इस बात की पूरी संभावना है कि संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट 2017 पास हो जाएगा. लोकसभा इस बिल को 10 अप्रैल को पास कर चुका है और अब यह बिल राज्यसभा में पास होना है. राज्यसभा ने इस बिल को और विचार विमर्श करने के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया था. राज्यसभा की सलेक्ट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. सलेक्ट कमेटी ने अपनी जो सिफारिश सौंपी है उसमें कानून को और सख्त करने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं.

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रिपोर्ट में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अधिकतम सज़ा 7 साल तक बढ़ाने की सिफारिश की गई है. अगर शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से किसी की जान जाती है तो अभी ये सज़ा 6 महीने से अधिकतम 2 साल है.

टू व्हीलर पर अगर 4 साल से नीचे का कोई बच्चा सवार है तो उसकी सुरक्षा के लिए खास नियम बनाया जाए और उसे सख्ती से लागू किया जाए. गाड़ी के डिजाइन में अगर कोई बदलाव किया जाता है या कोई अलग से फिटिंग कराई जाती है तो उसके लिए अलग नियम बनाए जाएं.

रोड एक्सीडेंट के मामले में दोषी व्यक्ति को घायल व्यक्ति की तीमारदारी के लिए सर्जिकल ओपीडी में रहने के लिए बाध्य किया जाए. इस तरह से उसे सजा भी मिलेगी और लोगों का भला भी हो सकेगा.

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500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने वाली कमर्शियल गाड़ियों के लिए दो ड्राइवर रखने का नियम बनाया जाए.

रोड सेफ्टी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सिस्टम पर ज़ोर दिया जाए. ट्रैफिक पुलिस और RTO ऑफिशल्स को बॉडी वियरेबल कैमरा पहनाना चाहिए ताकि सबूत के लिए अपराध को रिकॉर्ड किया जा सके.

कमिटी ने एक देश, एक परमिट, एक टैक्स के आइडिया की तारीफ की है और कहा कि अगर इससे राज्यों का राजस्व बढ़ता है तो इसपर आमराय बनाने के लिए विस्तार से चर्चा होनी चाहिए.

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