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नहीं हो पाई सचिन की मेडन स्पीच, कांग्रेस पर भड़कीं जया बच्चन

दोपहर 2 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो क्रिकेट लेजेंड सचिन तेंदुलकर को अपना पहला भाषण करना था. सचिन इसके लिए तैयारी करके आए थे. उन्होंने अपना भाषण लिखकर रखा था. दरअसल, खेल के भविष्य और खेलने के अधिकार को लेकर दोपहर को शॉर्ट ड्यूरेशन की चर्चा थी, जिसमें सचिन के साथ-साथ पीएल पुनिया को भी अपनी बात रखनी थी.

जया बच्चन जया बच्चन
वंदना भारती/मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

दोपहर 2 बजे जब राज्य सभा की कार्यवाही शुरू हुई तो क्रिकेट लेजेंड सचिन तेंदुलकर को अपना पहला भाषण करना था. सचिन इसके लिए तैयारी करके आए थे. उन्होंने अपना भाषण लिखकर रखा था. दरअसल, खेल के भविष्य और खेलने के अधिकार को लेकर दोपहर को शॉर्ट ड्यूरेशन की चर्चा थी, जिसमें सचिन के साथ-साथ पीएल पुनिया को भी अपनी बात रखनी थी.

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मगर, सदन शुरू होते ही कांग्रेस की नारेबाजी के चलते सचिन 15 मिनट तक खड़े रहे. कांग्रेस 2G और प्रधानमंत्री माफी मांगो के नारों के बीच अपने हंगामे में डूबी हुई थी. सभापति ने उनसे अपील की कि वह देश के भारत रत्न को बोलने दें. फिर परेशान होकर कहा कि देश ये तस्वीर देख रहा है. जब कांग्रेसी नहीं माने तो उन्होंने उनके विरोध को ऑफ रिकॉर्ड करने के आदेश दिए.

15 मिनट बाद राज्यसभा स्थगित कर दी गई और सचिन अपना भाषण नहीं कर पाए. स्थगन के बाद तमाम सांसद सचिन को घेर कर खड़े हो गए, इसमें जया बच्चन भी खड़ी थीं. गौरतलब है कि जया बच्चन हंगामे के बीच में बार-बार कांग्रेस से अनुरोध कर रही थीं कि वह सचिन को बोलने दें. बीच में डेरेक ओ ब्रायन की तरफ से यह कोशिश हुई कि कांग्रेस 3 बजे सचिन को भाषण देने दे, पर बात नहीं बनी.

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इस पूरे बवाल के दौरान सचिन की पत्नी अंजलि विजिटर्स गैलरी में बैठे हुए सदन की कार्यवाही को गौर से देख रही थीं. अब जया बच्चन का कहना है कि इस तरह तो कोई भी नॉमिनेटेड सदस्य बोलने का साहस नहीं करेगा, ना ही उसको इच्छा होगी. वह कांग्रेस के रवैये से बेहद हताश हैं.

उनका कहना है कि कांग्रेस ने सचिन तेंदुलकर को बोलने नहीं दिया. भारत रत्न देखकर भी उनका सम्मान नहीं रखा. क्या इस राज्यसभा में सिर्फ सियासतदानों के भाषण होंगे. सिर्फ वह जो चिल्ला सकते हैं, वही बोलेंगे. कोई भी साधारण आदमी एक्सपर्ट खिलाड़ी नहीं बोल सकता.

जया बच्चन ने आज तक से कहा कि मैं बहुत निराश हूं. मैं वैसे नहीं बोलती हूं, जब तक मैं बहुत निराश ना हो जाऊं. मैंने कई बार कोशिश की कि उनकी मेडन स्पीच है, उनको बोलने दीजिए. सचिन एक बड़ा नाम है और उन्होंने देश का नाम विश्व में रोशन किया है. जया ने कहा कि सचिन ने पूरी दुनिया में देश का नाम बढ़ाया है. उनके साथ ऐसा बर्ताव होगा, तो आप कैसे उम्मीद करते हैं कि लोग आकर राजसभा में बैठेंगे. सचिन बेहद निराश थे. वह बहुत ही व्यस्त रहते हैं. ऐसे में उनके पास और भी काम हैं, फिर भी वह खड़े रहे बहुत देर तक.

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फिर कहा जाता है कि सचिन संसद नहीं आते. मैं कहती हूं अच्छा हुआ नहीं आते हैं, इस तरह से बर्ताव करेंगे उनके साथ, तो क्या फायदा. वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है. साधारण व्यक्ति होते तो सोचते आपने उनको नॉमिनेट किया. आपने उनको भारत रत्न दिया और आप उनको बोलने का मौका नहीं दे रहे हैं. 5 मिनट रुक जाते तो क्या हो जाता. 

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