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समाजसेवी अन्ना हजारे की दिल्ली के रामलीला मैदान में जारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को सात दिन हो गए हैं. जैसे-जैसे अन्ना हजारे का अनशन आगे बढ़ रहा है, उनके गांव रालेगण सिद्धि के लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है.
अन्ना के गांव के लोगों ने रालेगण सिद्धि में सरकारी अधिकारियों को गांव से बाहर निकाल दिया है. लोगों का कहना है कि अन्ना हजारे हड़ताल पर बैठे हैं और राज्य (महाराष्ट्र) सरकार और केंद्र सरकार न तो किसानों की समस्याओं पर ध्यान दे रही है और न ही लोकपाल को लेकर गंभीर है. गांववालों ने धमकी दी है कि अगर गुरुवार तक सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो वे सामूहिक आत्मदाह शुरू करेंगे.
रालेगण सिद्धि के लोग 'मेरा गांव ही मेरा देश है' की तर्ज पर अन्ना हजारे की भूख हड़ताल के समर्थन में गांव से ही उन्हें समर्थन दे रहे हैं. गांव के लोगों ने स्थानीय सांसद और बीजेपी के नेता का घेराव करने की योजना भी बनाई है.
गांववालों ने पुलिस वालों से भी थाना छोड़कर गांव से बाहर जाने को कह दिया है. इन्हें गांव से बाहर जाने के लिए गुरुवार तक का समय दिया गया है. गांव वालों ने कहा है कि बीजेपी की सरकारें अन्ना हजारे की जायज मांगों को नहीं मान रही है, इसलिए अब से वे राज्य या केंद्र सरकार का सम्मान भी नहीं करेंगे.
रालेगण सिद्धि के गांव के एक निवासी ने आजतक से बातचीत में कहा कि सीमा पर जवानों की जान जा रही है और केंद्र सरकार ने रामलीला मैदान में 1000 कमांडो को तैनात किया है.
आपको बता दें कि भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे का अब तक तीन किलो से ज्यादा वजन गिर चुका है.