
सत्याग्रह के नाम से सालों तक सरकार और कानून के मुहाफिजों की नाक में दम करने वाले इस शख्स का नाम रामवृक्ष यादव है. मथुरा के महाभारत का ये सबसे बड़ा मुल्जिम यूपी के गाजीपुर का रहने वाला है. यह पहले जयगुरुदेव का शिष्य हुआ करता था. गुरू की विरासत का दावा करने वाले रामवृक्ष की दाल जब नहीं गली तो वो उनसे अलग हो गया. यही नहीं उसने गुरू के आश्रम पर हमले की साजिश भी रची. अपनी मांगों को लेकर धरने के नाम पर वो मथुरा के जवाहर बाग में आया और धीरे-धीरे करीब 280 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर बैठा.
रामवृक्ष यादव पर जानलेवा हमले और धमकियों के आरोपों की फेहरिस्त के साथ ही उसकी ताकत भी बढ़ती गई. जो संस्था पिछले दो साल से सत्याग्रहियों के नाम से मथुरा में कब्जा जमाए बैठी थी, उनके पास से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ. हैरान करने वाली बात ये है कि प्रशासन को पिछले दो साल में उनकी करतूतों की भनक तक न लगी. अपनी गुंडागर्दी और अपराध को वह एक संस्था के नाम पर अंजाम देता रहा. इस संस्था का नाम आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही है.
रामवृक्ष यादव ने अपने साथियों के साथ 2 साल पहले अपने ही गुरु के आश्रम पर हमला किया था. करीब 3 साल पहले ये सत्याग्रह के नाम पर मथुरा आया और धरने के नाम पर अवैध कब्जा करने लगा. उस पर हत्या की कोशिश और अवैध कब्जे के 8 मुकदमों सहित कुल 12 मामले दर्ज हैं. इस पर 15 लोगों पर जानलेवा हमले करने के आरोप हैं. बलवा मारपीट और धमकाने के 4 मामले दर्ज हैं. घटना के बाद रामवृक्ष फरार है. पुलिस उसे तलाश रही है. उस पर रासुका लगाया जाएगा.
उसकी भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही संस्था का काम गुंडागर्दी, अवैध कब्जा और आसपास रहने वालों को सताना है. हैरान करने वाली बात ये कि इस संस्था ने दिल्ली में धरना-प्रदर्शन के नाम पर मथुरा में अड्डा जमाया और दो साल तक जवाहरबाग में जमे रहे. मथुरा के इन सत्याग्रहियों ने एक दिन में जो सत्यानाश किया वो पुलिस के लिए हजम करना भारी पड़ रहा है. भयावह गोलीकांड में नुकसान को झेलने के बाद जब पुलिस ने इन सत्याग्रहियों के अड्डे को कब्जे में किया तो वहां से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ.
संस्था की हास्यास्पद मांगें
आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही संस्था की मांग है कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए. इस समय की प्रचलित मुद्रा की जगह आजाद हिंद फौज करेंसी शुरू की जाए. एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में ही 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री शुरू की जाए. प्रणव मुखर्जी और नरेन्द्र मोदी को गैर भारतीय घोषित किया जाए. चूंकी इ संस्था के लोग सुभाष चन्द्र बोस के अनुयायी हैं, इसलिए उन्हें सेनानी का दर्जा दिया जाए. उनको पेंशन के साथ ही जवाहर बाग में स्थायी निवास दिया जाए.
ऐसे हुआ मौत का तांडव
दरअसल पूरा मामला मथुरा के जवाहरबाग में 280 एकड़ जमीन पर कब्जे से जुड़ा है. इस पर सत्याग्रही संस्था ने अवैध कब्जा कर लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका के बाद अदालत ने आदेश पारित किया और आदेश दिया कि जल्द से जल्द अतिक्रमण की गई जमीन को खाली करें. कोर्ट ने अपने आदेश को लागू करने के लिए पुलिस को निर्देश पारित किया. पुलिस अतिक्रमण हटाने गई थी, जिस पर सत्याग्रहियों ने हमला बोल दिया. इसमें दो पुलिस अफसरों सहित करीब 21 लोग मारे गए हैं.