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रामगोपाल यादव दिल्ली आते ही मुलायम सिंह यादव पर फिर बरसे और कहा कि पार्टी के संविधान के बारे में हमको जानकारी है, वो (मुलायम सिंह ) सुप्रीम कोर्ट के जज नहीं हैं. पिछले कई दिनों से समाजवादी पार्टी में वर्चस्व को लेकर परिवार में चल रहे राजनीतिक दंगल के बीच दिल्ली पहुंचे प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि मैं तो दिल्ली रोज ही आता रहता हूं. मैंने अभी चुनाव आयोग से समय नहीं मांगा है. जब प्रोफसर रामगोपाल यादव से पूछा गया कि एक जनवरी को लखनऊ में हुए पार्टी अधिवेशन को मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक घोषित कर दिया है तो रामगोपाल यादव ने कहा कि वो क्या सुप्रीम कोर्ट के जज हैं. जो ऐसा करेंगे, हम भी पार्टी का संविधान जानते हैं.
आपको बता दें कि 5 जनवरी को समाजवादी पार्टी का होने वाला अधिवेशन स्थगित कर दिया गया है. हालांकि इसके पीछे अभी तक कोई वजह नहीं बताई गई है. रविवार को रामगोपाल यादव के बुलाए राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित करने का बाद मुलायम सिंह ने 5 जनवरी को अधिवेशन बुलाया था. शिवपाल यादव ने ट्वीट करके यह जानकारी थी. उन्होंने कहा कि नेताजी के आदेशानुसार समाजवादी पार्टी का 5 जनवरी का अधिवेशन फिलहाल स्थगित किया जाता है. सभी नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में जुटें और जीत हासिल करने के लिए जी-जान से मेहनत करें.
समाजवादी पार्टी में चल रही उठापटक के चलते एक जनवरी को रामगोपाल यादव ने जनेश्वर मिश्र पार्क में राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर अखिलेश को पार्टी अध्यक्ष बना दिया था. बाद में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह अधिवेशन असंवैधानिक था, क्योंकि रामगोपाल यादव पार्टी से निष्कासित हैं. ऐसे में उनके पास अधिवेशन बुलाने का कोई अधिकार नहीं है.
अखिलेश ले रहे बड़े फैसले
वहीं रविवार को लखनऊ में बुलाए गए विशेष अधिवेशन में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं. पहले शिवपाल यादव की जगह नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब अखिलेश खेमे के और नेताओं की पार्टी में वापसी हो सकती है. सोमवार को अखिलेश यादव के घर चल रही करीबी एमएमए और एमएमसी की बैठक में इसपर फैसला लिया जा सकता है. जिसके तहत एमएलसी सुनील सिंह साजन, एमएलसी भदौरिया, एमएलसी उदयवीर सिंह और एमएलसी अरविंद यादव की पार्टी में वापसी पर मुहर लग सकती है, सूत्रों के अनुसार इस पर अखिलेश की सहमति भी मिल गई है एवं जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है.