
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नामी वकील राम जेठमलानी ने अपनी ही पार्टी पर एक बार फिर हमला बोला है. उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से कहा कि उन्हें आरक्षण को लेकर सटीक बयान देना चाहिए. संविधान संशोधन के बिना आरक्षण नीति की समीक्षा नहीं की जा सकती. यह धोखा है.
जेठमलानी ने कहा कि बिहार में ऊंची जातियों के कुछ वोट बटोरने के लिए ही भागवत आरक्षण पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं. बीजेपी बिहार की जनता के साथ धोखा कर रही है.
जेटली को बताया
भ्रष्ट
जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नमो ने कालाधन वापस लाकर 15 लाख रुपये हर किसी के खाते में देने का वादा किया
था. पीएम मोदी और उनके भ्रष्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कालाधन वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया.
पब्लिक स्टेटमेंट जारी करें मोदी
जेठमलानी ने मांग
की है कि प्रधानमंत्री मोदी पब्लिक स्टेटमेंट जारी कर यह साफ करें कि पिछड़ों के आरक्षण को लेकर सरकार कोई दखल नहीं देगी.
सभी को सुनाई खरी-खरी
जेठमलानी ने कहा कि क्या मोहन भागवत संसद से संविधान संशोधन पारित करवाने की उम्मीद करते हैं. जबकि हालिया सत्र में एक साधारण कानून तक पारित नहीं हो
सका. अध्यादेश से संविधान संशोधन नहीं कर सकते.
क्या है मामला
दरअसल, पिछले दिनों संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में मोहन भागवत का इंटरव्यू छपा
था. इसमें उन्होंने आरक्षण नीति पर पुनर्विचार करने को कहा था. हालांकि इस पर विवाद के बाद सरकार ने साफ कर दिया था कि वह आरक्षण नीति पर पुनर्विचार नहीं
करेगी. मौजूदा आरक्षण जारी रहेगा.