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नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया-राहुल की पैरवी करना चाहते हैं जेठमलानी, कहा- फीस भी नहीं लूंगा

जेठमलानी ने 11 दिसंबर को सोनिया गांधी को खत लिखा है. इसके दो दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने सोनिया गांधी की उस अपील को खारिज किया था जिसमें जिला अदालत द्वारा हेराल्ड मामले में जिला अदालत ने उन्हें और राहुल को समन जारी किया था.

इस पैरवी के लिए कोई फीस भी नहीं लेना चाहते जेठमलानी इस पैरवी के लिए कोई फीस भी नहीं लेना चाहते जेठमलानी
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

नेशनल हेराल्ड मामले में घिरे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को देश के जाने-माने वकील और पूर्व बीजेपी नेता राम जेठमलानी का समर्थन मिला है. जेठमलानी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से केस लड़ना चाहते हैं. सोनिया-राहुल पर ये केस बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है. दोनों पर अब बंद हो चुके अखबार नेशनल हेराल्ड के शेयरों के हस्तांतरण में हेराफेरी का आरोप है.

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सोनिया को लिखा खत
जेठमलानी ने 11 दिसंबर को सोनिया गांधी को खत लिखा.इसके दो दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने सोनिया गांधी की उस अपील को खारिज किया था जिसमें जिला अदालत द्वारा हेराल्ड मामले में जिला अदालत ने उन्हें और राहुल को समन जारी किया था. राम जेठमलानी ने खत में सोनिया को लिखा, 'मैं जानता हूं कि आपकी पार्टी में कई बड़े वकील हैं फिर भी आपको जरूरत हो तो मेरी सेवा आपके के लिए उपलब्ध हैं. जेठमलानी ने खत में ये भी स्पष्ट किया कि इस मामले में सोनिया और राहुल की पैरवी करने के लिए उन्हें फीस भी नहीं चाहिए.

सोनिया-राहुल ने नहीं किया कुछ गलत: जेठमलानी
जेठमलानी का मानना है कि सोनिया और राहुल ने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे उनकी पैरवी बिना किसी फीस के करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा वे हमेशा स्वच्छ राजनीति के लिए काम करते हैं. सोनिया-राहुल की गलती ना होते हुए भी राज्यसभा में जो कुछ हुआ वह सही नहीं था. जेठमलानी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल पर शक करने का कोई आधार नहीं है. दोनों के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट झूठी और दुर्भावनापूर्ण है.

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सोनिया ने नहीं स्वीकार प्रस्ताव
सोनिया गांधी ने अभी तक उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है. खत का जवाब ना मिलने पर जेठमलानी ने 12 दिसंबर को फिर से उन्हें खत लिखा. उन्होंने लिखा, 'आपने मेरे पत्र का कोई जवाब नहीं दिया, मुझे लगता है कि मुझे उस जिम्मेदारी से पीछे हट जाना चाहिए जो मैंने खुद ली है.'

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