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लाल किले पर 'जातिवादी' रामलीला, सारे प्रमुख किरदार ब्राह्मण

रामलीला प्रमुख ने आगे कहा कि हम इस मामले में कोई भी रिस्क नहीं लेते हैं. सारे प्रमुख किरदार ब्राह्मण की हैं और वह ब्रम्हचर्य का पालन करते हैं. हालांकि, बाद में संभलते हुए कहा कि जो दूसरे किरदार हैं वह हर जाति के हैं, लेकिन सारे प्रमुख कैरेक्टर ब्राह्मण ही लिए गए हैं.

रामलीला. रामलीला.
आदित्य बिड़वई/अंकित यादव
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

दिल्ली के लाल किले में लगने वाली सबसे बड़ी राम लीलाओं में से एक 'नव श्री धार्मिक लीला' कमेटी के आयोजकों का कहना है कि हमारे यहां सभी प्रमुख किरदार ब्राह्मण हैं, और वो ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे.

हरीश चंद्र अग्रवाल मेला प्रमुख ने आजतक से बातचीत करते हुए अपनी रामलीला की विशेषताएं बताई. उन्होंने बताया कि, "लाल किले में लगने वाली रामलीला बेहद ऐतिहासिक और भव्य है. हर साल इस रामलीला में सोनिया गांधी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक आते रहे है, लेकिन अब रामलीला जातिवादी हो गई है. अब यहां सारे प्रमुख किरदार ब्राह्मण है."

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रामलीला प्रमुख ने आगे कहा कि हम इस मामले में कोई भी रिस्क नहीं लेते हैं. सारे प्रमुख किरदार ब्राह्मण की हैं और वह ब्रम्हचर्य का पालन करते हैं. हालांकि, बाद में संभलते हुए कहा कि जो दूसरे किरदार हैं वह हर जाति के हैं, लेकिन सारे प्रमुख कैरेक्टर ब्राह्मण ही लिए गए हैं.

ब्राह्मण किरदारों पर 'लव कुश रामलीला' के आयोजक अशोक अग्रवाल का कहना है कि इस तरह की बात बेहद जातिवादी है और यह उनकी सोच है. वहीं, लवकुश रामलीला के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिओम गुप्ता ने रामलीला में जातिवाद की आलोचना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इसी लाल किले के प्राचीर से जाति व्यवस्था में सब की बराबरी की बात कहते हैं, लेकिन वही इस तरह की मानसिकता शर्मसार करती है

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