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राम मंदिर निर्माण का तैयार होगा खाका, बैठक में उठेंगे अहम मुद्दे

बैठक में राम मंदिर निर्माण की समयसीमा पर भी चर्चा होगी. माना जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए दो साल की समयसीमा तय की जा सकती है.

राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

  • राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक आज
  • कई मुद्दों पर होगी बैठक में चर्चा

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी जिस ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट पर है, उसकी आज पहली बैठक होनी है. इस बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर एक खाका तैयार किया जाएगा. साथ ही ये भी साफ हो जाएगा कि ट्रस्ट किस तरह काम करेगा.

ट्रस्ट की इस बैठक में कई प्रस्ताव पेश किए जाएंगे. जिसमें ट्रस्ट के नाम पर बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, आधार कार्ड समेत कई मुद्दों पर बात होगी. हालांकि एक सवाल ये भी है कि आखिर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक में कौन-कौन से मुद्दे चर्चा का केंद्र होंगे.

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सूत्रों की मानें इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. बैठक में चंदे की रकम को जमा करने के लिए एक बैंक अकाउंट ट्रस्ट के नाम पर खोला जा सकता है. वहीं रामलला के नाम पर बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को बैंक में रखी जाए. इसके लिए रामलला का पैन कार्ड, आधार कार्ड बनवाने पर विचार किया जा सकता है.

वहीं मंदिर निर्माण के लिए पैसा बैंक खाते में जमा हो, इसके लिए पारदर्शिता बनी रहनी जरूरी है. इस मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा की जा सकती है. बैठक में राम मंदिर निर्माण की समयसीमा पर भी चर्चा होगी. माना जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए दो साल की समयसीमा तय की जा सकती है.

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इस बैठक में राम मंदिर निर्माण की नींव रखवाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है. सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट चाहता है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए रखी जाए. वहीं ट्रस्ट की आज पहली मीटिंग है. इसके बाद समय-समय पर ट्रस्ट की बैठक होती रहेगी.

बिजनेस घरानों ने किया संपर्क

ट्रस्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ बिजनेस घरानों ने उनसे संपर्क किया है और उन्होंने मंदिर निर्माण की पूरी जिम्मेदारी उठाने की बात भी कही है. लेकिन ट्रस्ट के लोगों ने मना कर दिया. साथ ही कहा कि ये राम मंदिर सभी का है. लिहाजा किसी एक संगठन या प्रतिष्ठान के पैसे से निर्माण नहीं होगा.

ट्रस्ट के लोगों का मानना है कि मंदिर के सहारे सभी को जोड़ने की कोशिश की जाएगी. वहीं ट्रस्ट के लोगों का कहना कि दक्षिण भारत के भी कई मंदिरों ने राम मंदिर निर्माण के लिए सहायता देने की बात कही है.

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