
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को डेरा सच्चा सौदा नपुंसक मामले की सुनवाई करते हुए एक आरोपी डॉक्टर पंकज गर्ग की जमानत याचिका पर 16 मई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. 27 फरवरी 2018 को अंतरिम जमानत हासिल करने वाले डॉक्टर पंकज गर्ग ने कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी.
आरोपी डॉक्टर पंकज गर्ग की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप अत्यंत गंभीर है. आरोपी ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के कहने पर कई निर्दोष भक्तों को सर्जरी के जरिए नपुंसक बनाया था, जो न केवल एक अमानवीय कृत्य है, बल्कि गहरी साजिश भी है.
ऐसे में आरोपी डॉक्टर को जमानत देना सही नहीं है. वकीलों ने कोर्ट से आग्रह किया कि आरोपी डॉक्टर की अंतरिम जमानत याचिका निरस्त की जाए ताकि वह मामले की जांच को प्रभावित न कर पाए. सीबीआई के वकीलों ने कहा है कि जांच एजेंसी के पास आरोपी डॉक्टर पंकज गर्ग के खिलाफ कई पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
आरोपी डॉ. पंकज गर्ग और डॉ. एमपी सिंह दोनों ने मिलकर डेरा के दर्जनों अनुयायियों को नपुंसक बनाया था. इस मामले के एक आरोपी डॉ. एमपी सिंह को 7 जनवरी को गिरफ्तार करके अंबाला जेल भेजा गया था. हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर 2014 को एक पीड़ित हंसराज चौहान द्वारा दाखिल याचिका की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
सीबीआई ने 7 जनवरी 2015 को मामला दर्ज करके राम रहीम के खिलाफ याची हंसराज चौहान को धमकाने, धोखाधड़ी और शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया था. चाजर्शीट में 160 से अधिक नपुंसक बनाए गए अनुयायियों की सूची सौंपी थी. राम रहीम पर 400 से अधिक अनुयायियों को नपुंसक बनाने का आरोप है.
बताते चलें कि राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने खुलासा किया था कि आश्रम में महिलाओं का सिर्फ यौन शोषण ही नहीं बल्कि साधुओं को नपुंसक बनाया जाता है. डेरा सच्चा सौदा में साधु रहे हंसराज चौहान ने 17 जुलाई 2012 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राम रहीम पर 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख के इशारे पर डेरा अस्पताल के डॉक्टरों की टीम साधुओं को नपुंसक बनाती हैं. उन्होंने 166 साधुओं का नाम भी बताया था. हंसराज ने कहा था कि राम रहीम के आश्रम में प्रार्थना के बाद नशे का कैप्सूल दिया जाता था. इसके बाद उसके साथ क्या होता, उसे भी मालूम नहीं होता था.