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रेप केस में सजा के बाद राम रहीम के पास हैं ये विकल्प

राम रहीम की सजा पर फैसला आज शाम 4 बजे तक आने की उम्मीद है. अगर ऐसा हुआ तो सजा के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट जाना उसके लिए कम से कम आज तो संभव नहीं हो पाएगा. यानी आज की रात भी उसे जेल में ही बितानी होगी

रेप केस का दोषी राम रहीम रेप केस का दोषी राम रहीम
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

रेप के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुना दी गई है. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है. गुरमीत रहीम को सजा सुना दी गई है. ऐसे में अब सवाल ये है कि उनके पास विकल्प क्या हैं?

अब उनके पास सजा के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट जाने का विकल्प है. मगर आज  ऐसा होना संभव नजर नहीं आता. इसके लिए उन्हें इतंजार करना पड़ेगा. यानी आज की रात भी गुरमीत राम रहीम को जेल में ही बितानी होगी.

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हाई कोर्ट ही विकल्प

दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता इमरान अली ने बताया कि निचली अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है. अब राम रहीम के पास हाई कोर्ट में अपील करने का विकल्प है.

राम रहीम के पास सोमवार को अपील दायर करने का मौका नहीं है. दरअसल निचली अदालत में फैसला आते-आते इतनी देर हो चुकी होगी कि सोमवार को अपील दायर करने का वक्त नहीं रह जाएगा. ऐसे में उसे दूसरे दिन यानी मंगलवार को अपील दायर करनी होगी.

हाईकोर्ट के रुख पर निर्भर करेगा भविष्य

मंगलवार को राम रहीम की ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की जाती है तो हाईकोर्ट उसे स्वीकार कर लेगा. कोर्ट उसी दिन इस मामले पर सुनवाई कर सकता है, लेकिन आमतौर पर हाई कोर्ट दो दिन बाद ही सुनवाई करता है. ये कोर्ट के रुख पर निर्भर करता है.

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बाहर आने पर कई शंकाएं

हाई कोर्ट राम रहीम के मामले पर सुनावई करते हुए सजा पर स्टे भी दे सकता है और नहीं भी. इसे सस्पेंशन ऑफ कोर्ट कहा जाता है. राम रहीम को हाई कोर्ट से राहत की उम्मीद कम ही है, क्योंकि उसके बाहर आने पर कई शंकाएं हैं.

राम रहीम की सजा पर अगर स्टे दे दिया गया तो उनके भाग जाने का डर है. राम रहीम का जो रसूख है, उसे देखते हुए वो देश के बाहर भाग सकता है.

इसके अलावा डर ये भी है कि अगर एक बार राम रहीम बाहर आ गया तो दूसरी बार उसे कोर्ट या जेल में लाना खासा मुश्किल होगा. इतना ही नहीं राम रहीम के खिलाफ कई और भी केस हैं, जिनमें से दो हत्याओं के हैं. ऐसे में उसे हाई कोर्ट से राहत मिलना काफी मुश्किल होगा.

 

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