
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दो साध्वी से रेप करने के आरोप में 20 साल की सजा हुई है. राम रहीम ने जिन साध्वियों का रेप किया था उनमें से ही एक साध्वी ने अब राम रहीम को सजा मिलने के बाद खुशी जाहिर की है. साध्वी ने कहा कि मुझे आज न्याय मिला है. साध्वी बोली कि वह कभी भी राम रहीम से नहीं डरी थी.
अंग्रेजी अखबार द हिंदू से बात करते हुए साध्वी ने कहा कि राम रहीम ने मुझे कई बार डराने की कोशिश की, लेकिन ना मैं तब डरी थी और ना मैं अब डरी हूं. उन्होंने कहा कि 2009 में जब मैं कोर्ट में थी, तब भी वो मेरे सामने था. साध्वी ने अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा कि जब मैं सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के कॉलेज में ही पढ़ती थी, मेरे परिवार वाले राम रहीम के भक्त थे. तभी उसने मेरे साथ ऐसी हरकत की थी.
खबर के मुताबिक, राम रहीम ने ही साध्वी के भाई को 2002 में मरवा दिया था. साध्वी के भाई को राम रहीम पर शक था कि वह उसकी बहन के साथ कुछ गलत हरकतें कर रहा है.
जंगली जानवर जैसा व्यवहार किया
आपको बता दें कि सोमवार को राम रहीम को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने उसे काफी लताड़ा. सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में गुरमीत पर लगे आरोपों को बेहद गंभीर माना. कोर्ट ने कहा कि दोषी ने अपनी ही अनुयायियों के साथ जंगली जानवर जैसा बर्ताव किया है, इसलिए वो दया का हकदार नहीं है.
कोर्ट ने कहा, ''दोषी ने उन साध्वियों के साथ यौन शोषण किया जो उन्हें पिता की तरह मानती थीं और भगवान की तरह पूजती थीं. ऐसा करके दोषी ने उनका विश्वास तोड़ा है और पीड़ितों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया है. पीड़िता गुरमीत राम रहीम के संरक्षण में डेरा में रहती थीं जहां उनके साथ ये हरकत की गई. ऐसे में ये कस्टोडियल रेप से कम नहीं है.
बता दें कि साल 2002 में डेरा आश्रम में रहने वाली एक साध्वी ने चिट्ठी के जरिए डेरा प्रमुख पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. कोर्ट के आदेश पर साल 2001 में सीबीआई को जांच सौंपी गई. जिसके बाद 25 अगस्त को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरमीत को रेप का दोषी करार दिया था.