
अयोध्या जिला प्रशासन ने जुलाई के पहले हफ्ते में अयोध्या में राम जन्मभूमि के निर्माण से पहले भूमिपूजन कराने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास भेजा है. 16 जुलाई को सूर्य देव के दक्षिणायन होने के बाद यह कार्यक्रम संभव नही है.
संतो के मुताबिक इसी वजह से हर हाल में प्रस्तावित उक्त समय अवधि के भीतर भूमि पूजन किया जाना है. जिला प्रशासन से प्राप्त इस प्रस्ताव को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा है. राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन में वर्चुअल तरीका अपनाया जाएगा. भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. पूजन के वक्त वे दिल्ली में तथा सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या में मौजूद रहेंगे. पीएम की ओर से मुख्यमंत्री ही पूजन के संस्कार को संपादित करेंगे, इसमें प्रधानमंत्री पूरे भाव से सम्मिलित होंगे और वे लोगों को संबोधित भी करेंगे.
भूमि पूजन के लिए जुलाई के प्रथम सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है. इसमें दो जुलाई सबसे मुफीद तिथि है. पूजन कार्यक्रम के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारी शुरू कर दी. भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार अयोध्या आकर पूजन कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा भी लेंगे.
अयोध्या में रामघाट स्थित कार्यशाला में करीब तीन दशकों से रखीं मंदिर निर्माण में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं की सफाई का ट्रायल शुरू किया गया है. मंदिर निर्माण के लिए प्रयुक्त होने से पूर्व इन शिलाओं को साफ करना जरूरी माना जा रहा है, ताकि इन्हें उनकी स्वाभाविक चमक दिलाने के साथ मंदिर के ढांचे में यथास्थान पूरी मजबूती से संयोजित किया जा सके. इसके लिए कई कंपनियों से ट्रायल लिया जा रहा है लेकिन अभी अंतिम रूप से यह नहीं तय है कि तराशी गयी शिलाओं को कौन सी कंपनी साफ करेगी. यदि सब कुछ ठीक रहा, तो शिलाओं की सफाई में तीन-चार माह का वक्त लग सकता है.
पिछले हफ्ते तराशी गई शिलाओं की सफाई का ट्रायल एकमी नाम की जर्मन कंपनी के विशेषज्ञ कर चुके हैं. इसी के साथ ही कार्यशाला से तराशी गयी शिलाओं को रामजन्मभूमि परिसर तक पहुंचाए जाने की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार कार्यशाला की दक्षिणी दीवार पर एक बड़ा गेट बनाया जाएगा और इसी से शिलाओं को पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से रामजन्मभूमि परिसर की ओर ले जाया जाएगा.
कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा के अनुसार पत्थरों की साफ-सफाई के लिए विशेष केमिकल का इस्तेमाल किया जाना है, जिससे पत्थरों की सफाई जल्द से जल्द की जा सके.