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राम मंदिर की नींव पूजा में तांबे का कलश स्थापित करेंगे PM, ऐसे होगी पूजा

वैदिक वास्तु पूजन और विधान के अनुसार कलश स्थापित करने के बाद नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्णा नाम की पांच ईंटों/ शिलाओं की पूजा की जाएगी. इस वैदिक पूजन के बाद ही सारी सामग्री नींव में स्थापित कर मंदिर का औपचारिक निर्माण आरंभ किया जाएगा.

पीएम मोदी की फाइल फोटो (PTI) पीएम मोदी की फाइल फोटो (PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

  • 5 अगस्त को अयोध्या जा सकते हैं पीएम मोदी
  • भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री को भेजा गया न्योता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि अभी इस तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन संभव है कि प्रधानमंत्री 5 अगस्त को भूमि पूजन में हिस्सा लें. प्रधानमंत्री की उपस्थिति में अयोध्या में सर्वार्थ सिद्धि योग के अभिजित मुहूर्त में मंदिर की नींव पूजा होगी.

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राम मंदिर के नींव पूजन में प्रधानमंत्री तांबे का कलश स्थापित करेंगे. मंदिर की नींव पूजन में प्रयुक्त होने वाले ताम्र कलश में वैदिक रीति के मुताबिक गंगाजल के साथ सभी तीर्थों के जल, सर्वऔेषधि, पंच रत्न जिनमें हीरा, पन्ना, माणिक, सोना और पीतल रखे जाएंगे. इसके साथ ही पाताल लोक के राजा शेषनाग और शेषावतार की प्रसन्नता के लिए चांदी के नाग-नागिन, भूमि के आधार देव भगवान विष्णु के कच्छप अवतार के प्रतीक कछुआ भी नींव में स्थापित किए जाएंगे. मंगल कलश में सेवर घास रखकर सभी तीर्थों सहित गंगाजल से इस कलश को भरा जाएगा.

वैदिक वास्तु पूजन और विधान के अनुसार कलश स्थापित करने के बाद नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्णा नाम की पांच ईंटों/ शिलाओं की पूजा की जाएगी. इस वैदिक पूजन के बाद ही सारी सामग्री नींव में स्थापित कर मंदिर का औपचारिक निर्माण आरंभ किया जाएगा. इस प्रकार श्रीराम मंदिर का श्रीगणेश होगा. शनिवार को अयोध्या में हुई न्यास की बैठक में ये तय हो गया कि दो मुहूर्त (श्रावणी पूर्णिमा या द्वितीया) में जब भी प्रधानमंत्री की अयोध्या यात्रा के अनुकूल समय हो भूमिपूजन संपन्न करा लिया जाए.

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इस मुहूर्त की बाबत वृंदावन बांके बिहारी जी के सेवायत और ज्योतिष के विद्वान केडी गुरुजी ने आजतक को बताया कि भाद्रपद इस मायने में भी मासोत्तम है क्योंकि लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण और जगत की आह्लादकारी शक्ति राधा का प्राकट्य भी इसी महीने हुआ. वैसे भी ज्योतिष में चंद्रमा की स्थिति से मुहूर्त तय होते हैं. श्री रामलला के नाम से ग्रहगुण विशिष्टता के साथ सम्मुख चंद्रमा की स्थिति और सर्वार्थ सिद्धियोग सर्वोत्कृष्ट होता है. ऐसे मांगलिक योग में मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हो जाए, यही सर्वश्रेष्ठ है.

न्यास और विहिप के सूत्रों के मुताबिक, यूं तो प्रधानमंत्री कार्यालय से अगस्त के अंतिम सप्ताह में ही फाइनल प्रोग्राम आने की उम्मीद है लेकिन तैयारियां जारी हैं. प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक 5 अगस्त को सुबह 8 बजे से 12 बजे तक के शुभ मुहूर्त में भूमिपूजन कार्यक्रम होगा. वैसे सरकार और राजनेताओं के लिए 5 अगस्त का दूसरा महत्व भी है. इसी दिन 2019 में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर वहां की स्थिति में प्रशासनिक बदलाव की शुरुआत हुई थी.

यानी कई ऐसी वजहें 5 अगस्त को इतिहास में यादगार बनाएंगी. हालांकि आयोजन में गिनती की हस्तियां शामिल होंगी इनमे प्रधानमंत्री, आरएसएस प्रमुख, विहिप प्रमुख सहित दुनिया की कई हस्तियां और विशिष्ट साधु संत शामिल होंगे.

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