सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को छह सालों के लिए निष्कासित कर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. मुलायम सिंह के निष्कासन के फैसले को खारिज करते हुए रामगोपाल यादव ने नियमों का हवाला दिया और पद पर बने रहने की दृढ़ता दिखाई. इसके साथ ही पार्टी के टूट के आसार बनने लगे हैं. रामगोपाल यादव ने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सवालों का एक-एक कर जवाब दिया.1. मुलायम सिंह: रामगोपाल को पार्टी विरोधी काम करने पर उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है.
रामगोपाल: ये निष्कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है. हमारा जवाब सुने बिना ही उन्होंने मुझे और सीएम को निकाल दिया.
2. मुलायम सिंह: क्या रामगोपाल को विशेष अधिवेशन बुलाने का अधिकार है.
रामगोपाल: पार्टी का अध्यक्ष ही यदि असंवैधानिक काम करें तो अधिवेशन कौन बुलाएगा. एक भी मीटिंग नहीं हुई. अब आप बताइए कि कैसे कैंडिडेट तय हो गए.
3. मुलायम सिंह: एक दिन में कोई अधिवेशन नहीं बुलाया जाता है.
रामगोपाल: आपातकालीन मीटिंग कभी भी बुलाई जा सकती है. आपातकालीन अधिवेशन के लिए कोई भी टाइम लिमिट नहीं होती. मैंने जनरल सेक्रेटी की हैसियत से ये मीटिंग बुलाई है और मैं इस पद पर बना रहूंगा.
4. मुलायम सिंह: रामगोपाल ने पार्टी को कमजोर किया है. इन्होंने जानबूझकर चुनाव के समय ऐसा काम किया है.
रामगोपाल: जो पार्टी के मेंबर नहीं है उन्हें टिकट दिया जा रहा है. तेजप्रताप जी को भी नहीं पूछा गया. जिनको टिकट दिया गया उनकी जमानतें नहीं बचेंगी.
5. मुलायम सिंह: रामगोपाल ने हमसे पूछा भी नहीं. हमें तो प्रेस के माध्यम से पता चला.
रामगोपाल: विधानसभा चुनावों में ये मालूम पड़ जाएगा कि कौन कितना एसेप्टेबल है.
6. मुलायम: कोई कैसे एक दिन में आ सकता है. इसके लिए कम से कम 15 दिन चाहिए.
अखिलेश : मैं सभी से गुजारिश करता हूं कि वो एक तारीख को लखनऊ आएं अधिवेशन में.
7. मुलायम सिंह: रामगोपाल सीएम का भविष्य खराब कर रहा है.
रामगोपाल: मैं लखनऊ बहुत कम आता हूं. मैंने आज तक किसी भी प्रशासनिक काम में अखिलेश को राय नहीं दी. मैं उनका भविष्य नहीं बिगाड़ रहा. मुझे अपना काम कराने के लिए सरकार की दरकार नहीं है.