
राजस्थान साहित्य अकादमी ने मीरा बाई पर लिखी पुस्तक को लेकर हुए विवाद की वजह से रांगेय राघव पुरस्कार निरस्त कर दिया है. साहित्य अकादमी ने अकादमी पुरस्कार समारोह से कुछ घंटे पहले ही यह फैसला लिया. अकादमी की ओर से पुरस्कार वितरण समारोह उदयपुर में आयोजित किया गया था. इस समारोह में लेखक हरदान हर्ष की पुस्तक 'ऐतिहासिक मीरा' को 'रांगेय राघव पुरस्कार' से सम्मानित किया जाना था.
इतिहासकार राघवेन्द्र मनोहर ने कहा कि मीरा बाई उच्च आदर्श और चरित्र वाली महिला थीं और उनका चरित्र हनन करना अकल्पनीय है. प्रमाणित या शोध पर आधारित कार्य ही अच्छा है, बिना संदर्भ के काल्पनिक लेखन गलत है. लेखक हर्ष का कहना है कि 'साहित्य इतिहास नहीं है. मेरी पुस्तक कर्नल टॉड की किताब के आधार पर लिखी गई है.
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पुलिस ने बताया कि उदयपुर में आज कुछ संगठनों ने समारोह स्थल से बैनर हटा दिए और राजस्थान साहित्य अकादमी के पदाधिकारियों को मीराबाई और मेवाड़ के शासकों पर अमर्यादित टिप्पणियों के लिये चेतावनी दी है. एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात किया गया है.
राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इन्दुशेखर तत्पुरुष ने उदयपुर में कहा था कि मीरा और मेवाड़ के महाराणाओं के धवल यश पर हमें पूरा गौरव है. मीरा बाई पर किसी भी प्रकार का विवाद स्वीकार्य नहीं है. पुरस्कार स्थगित करने का निर्णय अकादमी की सरस्वती सभा ने आपातकालीन बैठक में लिया था.