
यूपीएससी परीक्षा के रिजल्ट केवल रिजल्ट नहीं होते हैं. इस रिजल्ट से कई परिवारों के सपने हकीकत में बदलते हैं तो कई बार देश के दूरदराज के किसी गरीब किसान का बेटा अचानक पूरे देश में चर्चा का विषय बन जाता है. आज आपको एक ऐसे ही गुदड़ी के लाल से रूबरू करावा रहे हैं, जिसको एक समय में UPSC की तैयारी करवाने वाले कई संस्थानों ने दाखिला नहीं दिया. जिसको आज जब कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने टॉप 20 यूपीएसी टॉपर्स का सम्मान करने के लिए दिल्ली बुलाया तो उसके पास आने के लिए किराए तक के पैसे नहीं थे.
ये टॉपर हैं- गोपाल कृषणा रोनाकी. जानकारी के मुताबिक गोपाल कृष्णा ने 50 हजार रुपए पड़ोसी से उधार लेकर प्लेन का टिकट लिया और फिर वो सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली आए. आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के पारासांबा गांव के एक गरीब किसान रोनांकी अप्पा राव और उनकी अनपढ़ पत्नी ने 30 साल पहले एक सपना देखा था.
इस सपने को उनके पुत्र गोपाल कृष्ण रोनांकी ने सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल करके और पूरे देश में तीसरा रैंक लाकर पूरा किया है.
गोपाल ने मुख्य परीक्षा में तेलगू साहित्य को वैकल्पिक विषय रखा और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में टॉप रैंक हासिल की. ये सब कर पाना गोपाल के लिए लोहे के चने चबाने से भी ज्यादा मुश्किल था क्योंकि गोपाल के पिता एक किसान थे और उनकी माली हालत काफी नाजुक रहती थी. रोनांकी अप्पा अपने बेटे को शुरुआती शिक्षा अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में दिलाना चाहते थे पर मजबूरन गोपाल का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाना पड़ा.
गोपाल अपने परिवार के सपने को सच कर दिखाना चाहते थे और उन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी ग्रैजुएशन पूरी की. गोपाल से अपने परिवार की गरीबी देखी न जा रही थी, जिसके बाद उन्होंने श्रीकाकुलम में स्थित एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया लेकिन सिविल की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाने की वजह से गोपाल को नौकरी छोडनी पड़ गई.
कुछ समय बाद गोपाल ने हैदराबाद आकर तैयारी करने का फैसला किया. उन्होंने सिविल की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन करना चाहा लेकिन पिछड़े इलाके से आने और पास में ज्यादा पैसे न होने की वजह से किसी भी कोचिंग सेंटर ने उन्हें दाखिला नहीं दिया.