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रेप पीड़िता बोली- आरोपी से नहीं है जान-पहचान, मदरसे में बहलाकर ले गया

पीड़िता ने कहा, 'मैं वहां सो गई. जब मैं जगी तो मेरे हाथ पैर में दर्द हो रहा था. इसके बाद वो लड़का आया. उसने मुझे नए कपड़े दिए. उसने मुझसे कहा कि जाकर ये कपड़े पहन ले. उस लड़के ने मेरा मोबाइल भी ले लिया, जो अभी तक नहीं मिला है.'

पीड़िता ने सुनाई आपबीती पीड़िता ने सुनाई आपबीती
सईद अंसारी/मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 10:51 PM IST

गाजियाबाद के एक मदरसे में 10 साल की नाबालिग को बंधक बनाकर रेप का मामला सामने आने के बाद पीड़िता ने 'आजतक' से बातचीत में आपबीती बताई है. बच्ची ने बताया है कि उसका रेप के आरोपी से कोई दोस्ताना संबंध नहीं था. उसे उसकी सहेली के नाम पर बहला कर मदरसे तक ले जाया गया, जहां उसे बेहोश कर कैद किया गया था.

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जानकारी के मुताबिक, 10 साल की बच्ची को 21 अप्रैल को अगवा किया गया था और मोबाइल फोन के सिग्नल को ट्रैक कर 22 अप्रैल की रात कर 10 बजे पुलिस गाजियाबाद के मदरसे तक पहुंची थी. खुद को नाबालिग बता रहे एक लड़के और मदरसे के मौलवी पर बच्ची से रेप का आरोप है. आरोपियों के समर्थकों ने कहा कि पीड़िता के आरोपी से संबंध हैं.

पीड़िता की जुबानी, केस की कहानी

पीड़िता ने बताया कि वह अपने भाई के साथ घर पर ही थी और उस दिन पीड़िता की मां उसे और उसके भाई को खाना खिलाकर दफ्तर चली गई थीं. उसी समय पीड़िता के एक दोस्त का कॉल आया. उसके बाद उसके एक भाई का कॉल आया. पीड़िता ने कहा, 'मैं उसे नहीं जानती थी, उसने कहा कि मैं तुम्हारी दोस्त के साथ आ रहा हूं. तुम आ जाओ उससे मिलने. मुझे भी कुछ सामान लेना था. मैं घर से बाहर चली गई.'

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रेप पीड़िता ने आगे कहा, 'उसी समय बाहर वो लड़का मुझे मिला. मैंने कहा कि मेरी दोस्त कहां है. उसने कहा कि वो आगे खड़ी है. तुम मेरे साथ चलो. मैंने मना किया, तो मुझे धमकी देने लगा. वो मुझे जबरदस्ती साथ लेकर एक मदरसे में ले गया. वहां मदरसे का मालिक बैठा हुआ था. उसने मुझे बिस्किट और पानी दिया. उसके बाद मुझे नींद आने लगी.'

मदरसे में पीड़िता के साथ क्या हुआ?

पीड़िता ने कहा, 'मैं वहां सो गई. जब मैं जगी तो मेरे हाथ पैर में दर्द हो रहा था. इसके बाद वो लड़का आया. उसने मुझे नए कपड़े दिए. उसने मुझसे कहा कि जाकर ये कपड़े पहन ले. उस लड़के ने मेरा मोबाइल भी ले लिया, जो अभी तक नहीं मिला है. वहां पर कुछ बच्चे भी थे. उसने उन बच्चे को मारा-पीटा और मुझसे बात करने से मना किया. वहां मुझे कैद करके रखा गया था.' पीड़िता के मुताबिक, 'इसके बाद अगले दिन शाम को पुलिस आई, वो मुझे मां के पास ले गई. जब मैं मदरसे में गई, तो मुझे मौलवी ने देखा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. आरोपी लड़के ने मुझे बहुत डराया धमकाया था. उसने कहा कि मैं तुम्हें मार दूंगा. मदरसे में मौलवी और आरोपी लड़का ही बड़ा था, उसके अलावा बाकी वहां सभी छोटे बच्चे थे.'

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'आजतक' से बातचीत में पीड़िता ने आगे कहा, 'उन बच्चों ने मुझे बचाने की कोशिश की थी, लेकिन आरोपी लड़के ने उन्हें बहुत मारा पीटा. उनका खून निकाल दिया था. मैंने कई बार उससे पूछा कि तुम मुझे जिस सहेली से मिलाने के लिए लाए थे, वो कहां पर है. इस पर उस लड़के ने कुछ नहीं कहा. मैं बहुत रोई. मैंने कई बार कहा मुझे मम्मी-पापा के पास जाने दो, लेकिन उसने मुझे नहीं छोड़ा.'

रेप पीड़िता ने कहा, 'मैंने जो भी कहा, उसका उसने उसका कोई जवाब नहीं दिया. बस वह मुझे डराता धमकता रहा. उसने कहा कि मैं तुम्हारे माता-पिता और भाई को मार दूंगा. मौलवी भी उस लड़के साथ मुझे डराता रहता था. उसने लड़के से कहा कि अगर ये बात नहीं माने, तो इसे खत्म कर दो. मैं बहुत डरी हुई थी. मैं डर के मारे सारे दिन रोती रही.' पीड़िता ने कहा कि इन आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. इन लोगों ने मुझे बहुत तड़पाया है.

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