
1975 में लागू की गई इमरजेंसी की याद में बीजेपी ब्लैक डे मना रही है. इसके तहत केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी आज भी इमरजेंसी से प्रभावित है. चाल चेहरा और चरित्र कांग्रेस का वैसा ही है जैसे उस वक्त था. कांग्रेस के DNA में इमरजेंसी का समर्थन है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, राहुल गांधी ने अपने आप से कह दिया कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे. लेकिन कांग्रेस के किसी नेता ने उनका समर्थन नहीं किया. अगर कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो ईवीएम को दोष दिया जाता है, चुनाव आयोग पर आरोप लगाए जाते है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज भी कांग्रेस न्यायपालिका के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करती है. न्यायपालिका के साथ जो कांग्रेस ने व्यवहार किया वह धमकाने की कोशिश जैसा व्यवहार था. कांग्रेस ने न्यायपालिका की गरिमा गिराई है. जानबूझकर न्यायपालिका को एक संदेश देने की कोशिश करते हैं. बार-बार हारी हुई कांग्रेस कोर्ट के गलियारों से राजनीति करने की कोशिश कर रही है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, आज 43 साल बाद भी इमरजेंसी का जख्म हरा है. उस वक्त संसद को पंगु कर दिया गया था. प्रजातंत्र के हर पहलू पर हमला किया गया था. ये हिंदुस्तानियों पर हमला था. प्रेस की आजादी पर हमला था. इमरजेंसी के समय भारत के सभी हाई कोर्ट ने साहस दिखाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निराश किया था.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज की जनरेशन को इतिहास बताने के लिए इमरजेंसी के काले दिन को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए. ताकि आज की जनता यह जान सके कि हमारे इतिहास का एक काला अध्याय भी है. लेकिन अंतिम फैसला संबंधित मंत्रालय को करना है.