
मोदी सरकार 2.0 में एक बार फिर लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा शुरू हो गई है. गुरुवार को लोकसभा में चर्चा की शुरुआत केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की और उन्होंने विपक्ष पर इसका विरोध करने का आरोप लगाया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम बहनों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. इसके बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था. चर्चा के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कई मामलों का उदाहरण भी दिया.
क्यों बनाया तीन तलाक बिल?
लोकसभा में कानून मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को शरिया के खिलाफ बताया था. कोर्ट ने अपने फैसले में इस पर कानून बनाने की मांग की और अन्य मुस्लिम देशों का भी उदाहरण दिया जहां शरिया कानून को बदला गया है.
कानून मंत्री ने दावा किया कि सर्वोच्च अदालत की कड़ी टिप्पणी और कानून के बाद भी ये मामले रुके नहीं हैं और 300 से अधिक नए मामले सामने आए हैं. (24 जुलाई 2019 तक का आंकड़ा)
चर्चा के दौरान उन्होंने मीडिया में आए कुछ मामलों का जिक्र भी किया और अखबार की हेडलाइन पढ़ीं. रविशंकर ने बताया कि ‘पत्नी तंबाकू वाला मंजन करती थी तो दिया तीन तलाक’, ‘पत्नी ने सब्जी के लिए मांगे 30 रुपये तो शौहर बोला तलाक-तलाक-तलाक’, ‘मोबाइल ऑपरेटर ने पत्नी का अश्लील वीडियो बनाना चाहा विरोध करने पर तलाक दे दिया गया’.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब दुनिया के 20 से अधिक मुस्लिम देश तीन तलाक को बैन कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महिला का धर्म भले ही कुछ भी हो लेकिन वह हिंदुस्तान की बेटी है इसलिए उसकी रक्षा करना हमारा फर्ज है.
रविशंकर प्रसाद बोले कि हमारी सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने के कदम उठा रही है, आज महिलाएं इसरो मिशन की अगुवाई कर रही हैं, संसद में भी महिलाओं की संख्या बढ़ी हैं. हालांकि, तभी विपक्ष की तरफ से एक आवाज आई जिसमें कहा गया कि ‘आपकी पार्टी में मुस्लिम सांसद एक भी नहीं है’.