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शास्त्री ने किया डंकन का समर्थन, कहा- बहुत अनुभवी हैं मजबूत व्यक्तित्व वाले फ्लैचर

रवि शास्त्री की रिपोर्ट भारतीय क्रिकेट कोच के रूप में डंकन फ्लैचर के भविष्य का फैसला करेगी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिये टीम निदेशक रहे इस पूर्व भारतीय आलराउंडर ने जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान का समर्थन करते हुए उन्हें मजबूत व्यक्तित्व वाला इंसान करार दिया.

रवि शास्त्री और डंकन फ्लैचर रवि शास्त्री और डंकन फ्लैचर
aajtak.in
  • लंदन,
  • 09 सितंबर 2014,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

रवि शास्त्री की रिपोर्ट भारतीय क्रिकेट कोच के रूप में डंकन फ्लैचर के भविष्य का फैसला करेगी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए टीम निदेशक रहे इस पूर्व भारतीय आलराउंडर ने जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान का समर्थन करते हुए उन्हें मजबूत व्यक्तित्व वाला इंसान करार दिया.

शास्त्री ने फ्लैचर की जमकर तारीफ की जो इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद आलोचकों के निशाने पर थे. शास्त्री ने कहा, वह बेजोड़ हैं. उन्हें कोच के रूप में 100 से अधिक टेस्ट मैचों का अनुभव है जो बहुत ज्यादा हैं. वह तकनीकी रूप से बहुत कुशल हैं. वह मजबूत व्यक्तित्व के धनी हैं. उनका सम्मान किया जाता है. वह टीम में पितातुल्य हैं.

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उन्होंने कहा, ‘मैं फ्लैचर को 1983 वर्ल्ड कप से जानता हूं. इसके बाद 1984 में मैं भारत अंडर-25 टीम का कप्तान बनकर जिम्बाब्वे गया था जहां वह मेरे विरोधी कप्तान थे. इसलिए मैं उनकी नेतृत्वक्षमता से वाकिफ था. इसके अलावा संजय बांगड़, भरत अरुण और आर श्रीधर के सहायक कोच होने से फ्लैचर का काम आसान हो गया.’

शास्त्री ने कहा, ‘फ्लैचर कोच हैं. छोटी से छोटी चीजों को भी वही संभालते हैं. मेरा अनुभव बाहर से काम आया. सचाई यह है कि मैंने खिलाड़ियों को करीब से खेलते हुए देखा है जिससे काफी मदद मिली. मेरा व्यक्तित्व इस तरह का है कि यदि मुझे लगता है कि कुछ कहना है तो मैं चुप नहीं रहता. मैं यह परवाह नहीं करता है कि सामने कौन है.

शास्त्री ने स्टार बल्लेबाज विराट कोहली पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जो टेस्ट और वनडे में रनों के लिये तरसते रहे. उन्होंने कहा, ‘विराट की बात करें तो मुझे पता था कि वह जल्द ही बड़ी पारी (एजबेस्टन में टी20 में अर्धशतक) खेलेगा. इससे पहले वह मानसिक और तकनीकी समस्याओं के कारण प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था. आप किसी एक गेंदबाज की एक जैसी गेंद पर एक जैसे अंदाज में पांच से छह बार आउट नहीं हो सकते. इसलिए कोई समस्या थी.’

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शास्त्री ने कहा, ‘उसने स्वीकार किया कि कुछ गड़बड़ है अन्यथा आप आउट नहीं हो सकते. उसका निदान जरूरी था जो हमने किया. कुछ मसले थे जिन्हें विराट ने समझा कि उनका निबटारा करना जरूरी है और उसने ऐसा किया. इसी तरह का मसला शिखर धवन के साथ था.

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ आपसी तालमेल के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं. हम दोनों का काम टेस्ट सीरीज के बाद परिस्थितियों को सामान्य बनाना था. हमारा काम खिलाड़ियों से दबाव हटाना था. हमारा काम खिलाड़ियों के साथ अधिक से अधिक संवाद स्थापित करना था ताकि वे सहज रहें. हमारा काम उनमें आत्मविश्वास भरना था. शास्त्री ने हालांकि टीम के साथ अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा काम वनडे सीरीज तक था. उन्होंने इसे जीता. मैं भारत वापसी करने के बाद भविष्य के बारे सोचूंगा.’

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