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सहवाग को पछाड़ शास्त्री बने टीम इंडिया के कोच, पक्ष में गई ये 5 बड़ी बातें

आखिरकार लंबे समय से चल रहा टीम इंडिया के नए हेड कोच पर सस्पेंस खत्म हो गया. बीसीसीआई ने रवि शास्त्री को 2019 के वर्ल्ड कप तक के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का हेड कोच बना दिया है.

रवि शास्त्री रवि शास्त्री
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST

आखिरकार लंबे समय से चल रहा टीम इंडिया के नए हेड कोच पर सस्पेंस खत्म हो गया. बीसीसीआई ने रवि शास्त्री को 2019 के वर्ल्ड कप तक के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का हेड कोच बना दिया है. बीसीसीआई द्वारा नियुक्त क्रिकेट एडवाइजरी काउंसिल (सीएसी) ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से बात करने के बाद रवि शास्त्री को टीम इंडिया का नया कोच घोषित कर दिया. सीएसी ने कोहली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करके शास्त्री के नाम पर मुहर लगा दी है.

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शास्त्री को टक्कर देने वालों में टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस और लालचंद राजपूत शामिल थे. लेकिन रेस शास्त्री ही जीते. आखिर क्यों अकेले रवि शास्त्री ही इन चार दिग्गजों पर भरी पड़ गए? आइए जानते हैं वो बड़ी बातें जो रवि शास्त्री के पक्ष में गई हैं.

शास्त्री के पक्ष में गई ये पांच बातें

1. कोहली से अच्छी कैमिस्ट्री

2014 में इंग्लैंड से 1-3 से सीरीज हारने के बाद शास्त्री टीम डायरेक्टर बने थे. 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बड़ी नाकामी के बाद विराट कोहली शास्त्री की ही देख-रेख में एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आए थे.

जिसका नमूना 2014 में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में देखने को मिला था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में विराट कोहली ने 4 टेस्ट मैचों में 86.50 की औसत से 692 रन बनाए थे. जिसमें 4 शतक और 1 अर्धशतक शामिल है.

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2. टीम मैनेजमेंट का अनुभव

रवि शास्त्री एक महान खिलाड़ी रहे हैं और उनके पास टीम मैनेजमेंट का लंबा अनुभव है. शास्त्री ने भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले हैं और 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य भी थे. वह 2007 में क्रिकेट मैनेजर के तौर पर भारतीय टीम के साथ बांग्लादेश दौरे पर गए थे, जब ग्रेग चैपल ने वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद हेड कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था.

3. ऑलराउंडर परफॉर्मेंस पर फोकस

टीम इंडिया के सामने 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करने की चुनौती है ऐसे में रवि शास्त्री का अनुभव काम आ सकता है. रवि शास्त्री टीम इंडिया के शानदार ऑलराउंडर रहे हैं. शास्त्री ने 80 टेस्ट और 150 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 3830 और 3108 रन बनाए. उन्होंने टेस्ट मैचों में 151 और वनडे में 129 विकेट भी लिए हैं. ऐसे में कोच पद पर रहते हुए वो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑलराउंड परफॉर्मेंस निखारने में और नए टैलेंट की खोज में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

4. आधुनिक क्रिकेट स्टाइल से शास्त्री वाकिफ

रवि शास्त्री को आधुनिक क्रिकेट तकनीक के बारे में काफी जानकारी है. उन्हें मैनेजमेंट के काम का भी अच्छा अनुभव है. शास्त्री की सबसे खास बात यह है कि उन्हें खिलाड़ी पसंद करते हैं, उनकी सकारात्मक सोच और उपस्थिति को खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में पसंद करते हैं जो कि एक कोच बनने वाले इंसान के लिए बहुत अच्छी बात है.

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5. सचिन से शास्त्री की नजदीकियां

रवि शास्त्री ने टीम इंडिया के लिए कोच पद के आवेदन से पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर उन्हें गारंटी दी जाती है कि टीम इंडिया के मुख्य कोच का जिम्मा उन्हें ही सौंपा जाएगा उस सूरत में ही वे आवेदन करेंगे. शास्त्री ने कहा था कोच पद के लिए कतार में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है.

शास्त्री को भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आवेदन देने के लिए राजी किया. सचिन तेंदुलकर के कहने पर ही शास्त्री ने भारतीय टीम के कोच पद के लिए आवेदन दिया. लंदन में सचिन ने शास्त्री से बातचीत की और उन्हें आवेदन देने के लिए राजी किया. सीएसी के 3 सदस्यों में से एक सचिन का मानना था कि भारत के कप्तान विराट कोहली भी शास्त्री को बतौर कोच देखना चाहते हैं और दोनों के बीच अच्छे रिश्ते भी हैं.

 

 

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