
दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ के रवीन्द्र प्रताप सिंह को 'सहकारिता रत्न' और पंजाब के केवल कृष्ण शर्मा को 'सहकारिता बंधु' पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. सम्मानित सहकारकर्मियों को पांच-पांच लाख रुपये की राशि का चेक, शॉल और प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए.
इस मौके पर आयोजित 27वां जवाहर लाल नेहरू स्मारक इफको व्याख्यान में मशहूर लेखक तथा समालोचक प्रोफेसर नामवर सिंह ने भाषा, साहित्य तथा संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कृषि को भी संस्कृति का अंग बताते हुए कहा कि आदिम अवस्था में गेहूं, धान, जौ आदि घास बीजों के रूप में ही थे जिन्हें मनुष्य ने 'कल्चर' करके परिष्कृत रूप में अपने उपयोग के लायक बनाया. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं 'कल्चर' इस बिन्दु पर 'एग्रीकल्चर' से भी जुड़ती है.
अपने संबोधन में इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई ने कहा कि इफको अपने संवर्धनात्मक कार्यक्रमों के जरिये किसान, कृषि व सहकारिता के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी. किसानों को बेहतर सेवाएं देने, अच्छी गुणवत्ता के उर्वरक सुलभ कराने तथा इफको के विविधीकरण कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए प्रबंध निदेशक डा. उदय शंकर अवस्थी ने सहकारिता को विश्व अर्थव्यवस्था के विकास का एकमात्र विकल्प बताया.
गौरतलब है कि इफको हर साल जवाहरलाल नेहरू स्मारक इफको व्याख्यान माला का आयोजन करती है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रमुख व्यक्तियों को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है. इस मौके पर देश के प्रमुख सहकारकर्मियों को 'सहकारिता रत्न' तथा 'सहकारिता बंधु' पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जाता है.