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नहीं घटीं ब्याज दरें, RBI ने विकास दर अनुमान 0.6% घटाया, GST से भी नाखुश

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बुधवार को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई. इसमें महंगाई और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है और इसे 6 फीसदी ही रखा गया है.

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बुधवार को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई. इसमें महंगाई और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया. इसे 6 फीसदी ही रखा गया है. इसके अलावा समिति ने जीएसटी के क्रियान्वयन पर भी नाखुशी जताई है. आरबीआई ने विकास दर के अपने पिछले अनुमान को भी घटा दिया है. आरबीआई ने विकास दर के अनुमान को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है.

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कैश रिजर्व रेशि‍यो में भी नहीं किया बदलाव

आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश‍ियो में भी कोई बदलाव नहीं किया है. यह 4 फीसदी ही रखा गया है. हालांकि समिति ने स्टैच्युअरी लिक्विडिटी ( सांविधिक नकदी अनुपात)  में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इसे 20 से 19.5 फीसदी कर दिया गया है. एसएलआर वह दर होती है, जिसके  आधार पर बैंको को एक निश्चित फीसदी फंड रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है। एसएलआर रेट में बदलाव से यह होगा कि अब बैंकों को रिजर्व बैंक के पास कम पैसा रखना होगा.

जीएसटी से खुश नहीं आरबीआई

आरबीआई जीएसटी के क्रियान्वयन से खुश नहीं है. मौद्रिक समिति ने कहा है कि जीएसटी के लागू होने का इकोनॉमी पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसकी वजह से लघु अवध‍ि में मैन्युफैक्च‍रिंग सेक्टर के लिए दिक्कतें पैदा हुई हैं. इससे देश में निवेश  की गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा. देश में निवेशक गतिविधियां पहले ही दबाव में है.  हालांकि आरबीआई ने यह भी कहा है कि दूसरी छमाही में यह असर कम होगा और विकास को रफ्तार मिलेगी.

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विकास दर का अनुमान घटाया

आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान भी घटा दिया है. मौद्रिक समिति ने विकास दर को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. आरबीआई ने अगस्त में ही 7.3 फीसदी का अनुमान जारी किया था.

बढ़ेगी महंगाई

आरबीआई ने कहा है कि महंगाई अपने मौजूदा स्तर से और बढ़ेगी. वित्त वर्ष 2017 की दूसरी छमाही में यह 4.2 से 4.6 की रेंज में रहेगी.  आरबीआई ने कहा है कि किसानों को कर्ज माफी देने से राजकोषीय घाटे पर असर पड़ेगा.  आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन सभी चीजों को ध्यान में रखें तो जीडीपी का अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 100 बेसिस प्वाइंट अथवा 1 फीसदी बढ़ेगा.

नहीं मिला दिवाली तोहफा

यह पहले से ही माना जा रहा था कि आरबीआई रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. पिछले दिनों खाद्य महंगाई बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा के चलते रेपो रेट में कमी करने की संभावना न के बराबर थी. रेपो रेट कम न होने की वजह से आपकी ईएमआई सस्ती नहीं होंगी. सस्ते कर्ज के दिवाली तोहफे का इंतजार कर रहे लोगों को निराशा हाथ लगी है.

जीएसटी से बढ़ी दिक्कतें जल्द होंगी खत्म : उर्जित

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आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बदलाव होने से घरेलू खपत में बढ़ोत्तरी होगी. उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविध‍ियां अलग-अलग सेवाओं की बदौलत बेहतर होंगी. पटेल ने कहा कि जीएसटी की वजह से जो दिक्कतें इकोनॉमी के सामने खड़ी हुई हैं. वे दिक्कतें जल्द ही खत्म होंगी.

राहत पैकेज देने में सतर्कता बरतनी होगी

पिछले दिनों अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत सुधारने के लिए राहत पैकेज देने की बात हो रही थी. इसको लेकर उर्जित पटेल ने कहा कि राहत पैकेज देने में काफी सतर्कता बरतनी होगी. उनसे पहले जापान की फाइनेंशियल कंपनी नोमुरा ने भी आगाह किया था कि सरकार को राहत पैकेज नहीं देना चाहिए. नोमुरा ने चेताया था कि आज इकोनॉमी की जो हालत हुई है, उसके लिए ज्यादा खर्च ही जिम्मेदार है.

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