
देशभर के बैंक खाताधारकों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही उनके अधिकारों में इजाफा होने जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों के अधिकारों का घोषणा पत्र तैयार किया है, जिसमें ग्राहकों के पांच मूल अधिकार बताए गए हैं.
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक इन अधिकारों के अस्तित्व में आ जाने के बाद ग्राहक बैंक से सीधे बातचीत कर सकते हैं. वे कह सकते हैं कि यह उनका अधिकार है और इसे पूरा करना बैंक का कर्तव्य है. रिजर्व बैंक ने इस बाबत इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और बैंकिंग कोड्स व स्टैंडर्ड्स बोर्ड ऑफ इंडिया को सलाह दी है कि वे मॉडल कस्टमर राइट्स पॉलिसी बनाएं.
रिजर्व बैंक का कहना है कि इस घोषणा पत्र के जारी होने के बाद ग्राहक के पास कानूनी अधिकार हो जाएंगे और वह गलत काम करने वाले बैंक के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा.
घोषणा पत्र में इन पांच अधिकारों की चर्चा की गई है:
1) उपयुक्त व्यवहार का अधिकार- इसके तहत बैंक जाति, धर्म, लिंग वगैरह के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकेंगे.
2) समान और ईमानदार डीलिंग का अधिकार- इसके तहत बैंक सभी कागजात सरल भाषा में देंगे और उनमें पारदर्शिता भी होगी.
3) उपयुक्तता का अधिकार- इसके तहत कंपनियां फुसला कर अपने उत्पाद मसलन बीमा, मयुचुअल फंड वगैरह नहीं बेच पाएंगी.
4) निजता का अधिकार- इसके तहत बैंक ग्राहक से संबंधित तमाम सूचनाओं को गुप्त रखेगा.
5) शिकायत निवारण का अधिकार- इसके अंतर्गत बैंक को ग्राहक को दिए गए मूल अधिकारों का पालन करना होगा. उसकी उपयुक्त शिकायत का बैंक को समाधान करना ही होगा. उन्हें अपने उत्पादों से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करना ही होगा.