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वित्त मंत्रालय और इंडस्ट्री की मांग को मानते हुए मंगलवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बेंचमार्क रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए इसे 7.25 कर दिया है.
इस कटौती के साथ ही इस साल केन्द्रीय बैंक यह तीसरी बार कटौती कर रहा है. इससे पहले जनवरी और मार्च में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी. ऐसा करने से अब उम्मीद जग गई है कि आपकी ईएमआई कुछ कम हो जाएगी.
हालांकि रघुराम राजन ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) और स्टैट्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो (एसएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया है.
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और केन्द्र सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के साथ-साथ कॉरपोरेट जगत लगातार ब्याज दरों को कम करने की मांग कर रहा था. राजन के इस फैसले के पीछे देश में खुदरा महंगाई दर अप्रैल में चार महीने के निचले स्तर 4.87 फीसदी पर पहुंचना और पिछले महीने खाद्य महंगाई भी मार्च के 6.3 फीसदी के स्तर से फिसलकर अप्रैल में 5.4 फीसदी पर पहुंचना है. वहीं देश में फैक्ट्री ग्रोथ मार्च में 5 महीने के निचले स्तर 2.1 फीसदी पर है जबकि फरवरी में यह 4.9 फीसदी रही. लिहाजा, खुदरा महंगाई उम्मीद से कम रहने और फैक्ट्री ग्रोथ में जारी कमजोरी के चलते ब्याज दरों को कम करना तर्क संगत था क्योंकि इससे देश में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने की कोशिशों को बल मिलेगा.
गौरतलब है कि राजन के इस फैसले से आम आदमी को भी राहत पहुंचेगी. जहां देश में रियलटी सेक्टर मंदी से गुजर रहा है वहीं बैंकों द्वारा होम लोन कम करने की स्थिति में एक बार खरीददारी लौटेगी. रियल्टी सेक्टर में जहां अनसोल्ड इवेंट्री बढ़ी हुए है, उसे जल्द क्लीयर करने के लिए ग्राहकों सस्ते ब्याज दरों के साथ-साथ रियल्टर्स की तरफ से भी छूट पा सकते हैं.