
नोटबंदी पर रिजर्व बैंक ने संसद की समिति को भेजे पत्र में कहा है कि सरकार की सलाह के बाद 7 नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला लिया गया. केंद्रीय बैंक के बोर्ड ने इसके अगले दिन ही नोटबंदी की सिफारिश की. रिजर्व बैंक ने संसद की विभाग संबंधी वित्त समिति को भेजे सात पेजों के नोट में कहा है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को 7 नवंबर 2016 को सलाह दी थी कि जाली नोट, आतंकवाद को आर्थिक मदद और कालेधन की समस्याओं से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल को 500 और 1000 के ऊंचे मूल्य वाले नोटों को बंद करने पर विचार करना चाहिए. संसदीय समिति के अध्यक्ष प्रमुख कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली हैं.
रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने अगले दिन ही इस सलाह पर विचार करने के लिए बैठक की. विचार-विमर्श के बाद केंद्र सरकार से यह सिफारिश करने का फैसला किया गया कि 500 और 1,000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया जाए. इस सिफारिश के कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नोटबंदी का फैसला किया गया.
कुछ मंत्री अभी तक यह कहते रहे हैं कि सरकार ने नोटबंदी का फैसला रिजर्व बैंक की सिफारिश पर किया था. समिति को भेजे नोट में रिजर्व बैंक ने कहा कि पिछले कुछ साल से वह नई सीरीज के बैंक नोटों में सुधरे हुए सुरक्षा फीचर्स जोड़ने पर काम कर रहा है जिससे इनकी नकल न की जा सके. वहीं दूसरी ओर सरकार कालेधन और आतंकवाद से निपटने के लिए कदम उठा रही है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों के पास इस तरह की रिपोर्ट थीं कि ऊंचे मूल्य के नोटों की उपलब्धता की वजह से कालाधन धारकों और जाली नोटों का धंधा करने वालों का काम आसान हो रहा है. ऊंचे मूल्य के नोटों का इस्तेमाल आतंकवाद को आर्थिक मदद के देने के लिए भी किया जा रहा है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारत सरकार और रिजर्व बैंक को लगा कि नई सीरीज के नोटों को पेश करने से इन तीनों समस्याओं से निपटने का मौका मिलेगा. समिति को दिए नोट में कहा गया है कि शुरआत में इस पर कोई पुख्ता फैसला नहीं लिया गया कि नोटबंदी की जाए या नहीं, लेकिन नई सीरीज के नोट पेश करने की तैयारियां चलती रहीं. आरबीआई ने कहा कि 7 अक्टूबर 2014 को उसने सरकार को सुझाव दिया था कि मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए और भुगतान करने और करेंसी लॉजिस्टिक्स के प्रबंधन के लिए 5,000 और 10,000 का नोट शुरू करने की जरूरत है.
आरबीआई ने बताया कि सरकार 18 मई 2016 को 2,000 का नोट पेश करने पर सहमत हुई थी. रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने सरकार से 27 मई, 2016 को नई सीरीज के बैंक नोट नए डिजाइन, आकार, रंग व थीम के साथ पेश करने की सिफारिश की थी. इसमें 2,000 का नया नोट भी शामिल है.
सरकार ने इस पर 7 जून 2016 को अंतिम मंजूरी दे दी. इसी के अनुरूप नोट छापने वाली छापाखानों को नई सीरीज के नोटों का शुरआती उत्पादन करने को कहा गया. नए डिजाइन और नए मूल्य के नोटों के प्रति लोगों का आकर्षण होता इसी वजह से यह फैसला किया गया कि 2,000 के नोट पर्याप्त संख्या में छापे जाएं जिससे इन्हें देशभर में एक साथ उपलब्ध कराया जा सके.
आरबीआई ने कहा कि सरकार ने अपनी 7 नवंबर की सलाह में इस बात का उल्लेख किया कि नकदी से कालेधन में मदद मिलती है क्योंकि नकद लेन-देन का ऑडिट नहीं हो पाता. संसदीय समिति से आरबीआई ने कहा कि कालेधन के खत्म होने से छद्म अर्थव्यवस्था समाप्त होगी जो भारत के वृद्धि परिदृश्य के लिए काफी सकारात्मक होगी.
इसमें यह भी कहा गया है कि पिछले पांच साल के दौरान 500 और 1,000 के नोटों का चलन इन नोटों की नकल के साथ बढ़ा है. आतंकवाद और नशा कारोबारियों की आर्थिक मदद के लिए जाली भारतीय करेंसी नोट (FICN) के इस्तेमाल की व्यापक खबरें हैं. ये नोट पड़ोसी देश में बन रहे हैं जो कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए गंभीर खतरा हैं. ऐसे में सरकार ने 500 और 1,000 के नोटों को चलन से हटाने की सिफारिश की.
नोटबंदी की सिफारिश के लिए रिजर्व बैंक के बोर्ड ने निष्कर्ष निकाला कि यह प्रस्ताव इससे अच्छे समय नहीं आ सकता था, जबकि साथ ही नई श्रृंखला के नोट आ रहे हैं. इससे मौजूदा नोटों को हटाया जा सकता है और नए डिजाइन के अधिक सुरक्षा खूबियों वाले नोटों को लाया जा सकता है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक के कार्यालयों में 2,000 के नोट आ रहे हैं और इन्हें देशभर में करेंसी चेस्ट में भेजा जा रहा हैं. मूल्य के हिसाब से इनके जरिये मांग के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा किया जा सकता है.