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पढ़ें: कौन हैं प्रोफेसर साईबाबा, क्यों मिली उम्रकैद

डीयू के प्रोफेसर जीएन साईबाबा को आज गढ़चिरौली की एक अदालत ने नक्सलियों के साथ संबंध रखने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है. शरीर से तकरीबन 90 फीसदी विकलांग साईबाबा शुरू से ही आदिवासियों-जनजातियों के लिए आवाज उठाते रहे हैं, हालांकि 2014 में उन्हें नक्सलियों को समर्थन देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

प्रोफेसर जीएन साईबाबा प्रोफेसर जीएन साईबाबा
विजय रावत
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

डीयू के प्रोफेसर जीएन साईबाबा को मंगलवार को गढ़चिरौली की एक अदालत ने नक्सलियों के साथ संबंध रखने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है. शरीर से तकरीबन 90 फीसदी विकलांग साईबाबा शुरू से ही आदिवासियों-जनजातियों के लिए आवाज उठाते रहे हैं. 2014 में उन्हें नक्सलियों को समर्थन देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

1. मई 2014 में साईबाबा के साथ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हेम मिश्रा और पूर्व पत्रकार प्रशांत राही समेत पांच लोग गिरफ्तार हुए थे.

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2. आंध्र प्रदेश के एक गरीब परिवार में पैदा हुए जी.एन. साईबाबा 90 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं.

3. 2003 में दिल्ली आने से पहले उनके पास वीलचेयर खरीदने के भी पैसे नहीं थे. लेकिन पढ़ाई में हमेशा से वह काफी तेज थे. साईंबाबा 9 मई, 2014 में गिरफ्तार होने से पहले राम लाल कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर थे.

4. उनकी लव मैरिज हुई थी. उनकी मुलाकात उनकी पत्नी वसंत से एक कोचिंग क्लास में हुई थी.

5. अखिल भारतीय पीपुल्स रेजिस्टंस फोरम (एआईपीआरएफ) के एक कार्यकर्ता के रूप में, उन्होंने कश्मीर और उत्तर पूर्व में मुक्ति आंदोलनों के समर्थन में दलित और आदिवासी अधिकारों के लिए प्रचार करने के लिए 2 लाख किमी से अधिक की यात्रा की थी.

6. नागपुर में उन्हें उसी अंडा जेल में 14 महीने तक रखा गया था. जहां कसाब को कैद करके रखा गया था. इस जेल को देश की सबसे खतरनाक जेलों में से एक में गिना जाता है.

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7. साईबाबा पर शहर में रहकर माओवादियों के लिए काम करने का आरोप है. क्रांतिकारी डेमोक्रेटिक फ्रंट माओवादियों का गुट है. इन पर इस गुट के सदस्य होने का आरोप था. हालांकि खुद उन्होंने हमेशा ही माओवादियों का साथ देने के आरोप को झूठा बताया है.

8. साईबाबा की जमानत 14 महीने में 4 बार खारिज हुई थी. हालांकि जून 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. वो अभी जमानत पर ही थे.

9. साईबाबा हमेशा से आदिवासियों के हितों के पैरोकार रहे हैं. 1990 से वे आरक्षण के समर्थन में मुहिम चला रहे हैं.

10. सितंबर 2009 में कांग्रेस सरकार के शुरू किए गए ऑपरेशन ग्रीन हंट में पकड़े गए थे. माओवादियों पर काबू पाने के लिए शुरू हुआ था ऑपरेशन ग्रीन हंट.

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