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PAK के झूठ का पुलिंदा और जाधव पर लगाए आरोपों की हकीकत

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर आतंकी गतिविधियों और जासूसी में शामिल होने का आरोप लगाया था, जबकि हकीकत यह है कि इस बाबत पाकिस्तान अभी तक कोई सबूत नहीं उपलब्ध दे पाया है.

पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ और कुलभूषण जाधव पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ और कुलभूषण जाधव
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली/इस्लामाबाद,
  • 18 मई 2017,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान को करारा झटका दिया है. ICJ ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान के दावों को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने खारिज कर दिया. पढ़िए पाकिस्तान के आरोपों को जिन्हें इंटरनेशनल कोर्ट ने खारिज कर दिया.

पाकिस्तान ने इन झूठे आरोपों में फंसाया
1. पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर आतंकी गतिविधियों और जासूसी में शामिल होने का आरोप लगाया था, जबकि हकीकत यह है कि इस बाबत पाकिस्तान अभी तक कोई सबूत नहीं उपलब्ध दे पाया है.

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2. पाकिस्तान का कहना है कि आतंक विरोधी अभियान के दौरान जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया, जबकि भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया. यह भी बताया जा रहा है कि जाधव को तालिबानी आतंकियों ने अगवा करके आईएसआई को सौंपा था.

3. पाकिस्तान का दावा है कि 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट है और पाकिस्तान में जासूसी करता था. सच्चाई यह है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार करते थे. वह न तो रॉ के एजेंट हैं और न ही किसी तरह की जासूसी में शामिल थे.

4. पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव भारतीय नौसेना में अब भी कार्यरत हैं, जबकि भारत का कहना है कि जाधव नौसेना से रिटायर हो चुका है.

5. पाकिस्तान का कहना है कि मामले की सुनवाई के बाद जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव का पक्ष सुने बिना ही फांसी की सजा सुना दी.

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6. पाकिस्तान का कहना है कि जाधव के पास से फर्जी पासपोर्ट बरामद हुआ, जबकि भारत का कहना है कि जाधव भारतीय नागरिक है और उसको पासपोर्ट जारी किया गया था.

7. पाकिस्तान का कहना है कि फोन रिकॉर्ड से पता चला कि जाधव भारतीय अधिकारियों से सीधे बातचीत करता था और जासूसी की जानकारी देता था. हालांकि अभी तक पाकिस्तान ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर सका है.

8. पड़ोसी देश का कहना है कि जाधव ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान में जासूसी करता था, जबकि सच्चाई यह है कि जाधव से जबरन कबूल करवाया गया और वीडियो से छेड़छाड़ की गई.

ये सवाल खोल रहे पाकिस्तान की पोल
1. जब पाकिस्तान ने जाधव को गिरफ्तार किया, तो इसकी जानकारी भारत से क्यों छिपाई, जबकि अगर किसी देश के नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसके राजनयिक को इसकी सूचना दी जाती है.


2. पाकिस्तान भारतीय उच्चायुक्त को जाधव से मिलने की इजाजत क्यों नहीं दे रहा है. विएना संधि के तहत पाकिस्तान ऐसा करने के लिए बाध्य है. भारत ने इसके लिए 16 बार पाकिस्तान से अपील की.

3. पाकिस्तान में जर्मनी के राजदूत रहे डॉक्टर मुलैक ने कहा कि पाकिस्तान जाधव को फांसी देकर आग में तेल डालने का काम न करे. जब जाधव को गिरफ्तार किया गया, तब डॉक्टर मुलैक पाकिस्तान में ही तैनात थे.

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4. बताया जा रहा है कि तालिबान ने जाधव का अपहरण करके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को सौंपा था.

5. पाकिस्तान ने जाधव मामले की सुनवाई इतनी तेजी से की कि किसी को कोई समय ही नहीं मिला, जबकि मुंबई हमले की सुनवाई में लगातार टालमटोल हो रहा है.

6. पाकिस्तान ने जाधव के परिजनों को वीजा नहीं दिया.

7. जाधव को अपना पक्ष रखने के लिए वकील नहीं मुहैया कराया गया.

8. जाधव मामले की चार्जशीट भारत को नहीं सौंपी गई.

9. पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी के स्वास्थ्य की कोई जानकारी नहीं दी गई.

10. बिना सुनवाई के जाधव को फांसी की सजा दे दी गई.

11. पाकिस्तानी आर्मी की प्रेस रिलीज से जाधव मामले में फांसी की सजा का पता चला.

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की अपील
1. पाकिस्तान जाधव को कानूनी मदद मुहैया कराए और मानवाधिकारों का उल्लंघन न करे. साथ ही फांसी पर रोक लगाए.
2. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के दायरे में रहकर पाकिस्तान जाधव मसले पर फैसला ले.
3. पाकिस्तान ऐसा कोई कदम न उठाए, जिससे भारत की संप्रभुता, जाधव की गरिमा और अंतरराष्ट्रीय अदालत के सम्मान को चोट पहुंचे.
4. पाकिस्तान भारतीय राजनयिक को जाधव से मिलने की इजाजत दे और उनको भारत को सौंपा जाए.

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