
शनिवार शाम को मुजफ्फरनगर के पास हुए ट्रेन हादसे ने एक ही झटके में रेलवे सुरक्षा से जुड़े कई अहम सवाल हवा में उछाल दिए हैं. हादसे के बाद गेट मैन का जो ऑडियो टेप सामने आया है, उसमें वो बता रहा है कि पटरी रेलवे कर्मचारियों ने ही काटी थी लेकिन वक्त रहते, उसे जोड़ नहीं सके, इसीलिए इतना बड़ा हादसा हुआ. गेट मैन के इस दावे से मिलती-जुलती बात दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले दस दिनों से धरने पर बैठे लगभग पांच सौ रेलवे अप्रेन्टिस की ट्रेनिंग कर चुके लोग भी कह रहे हैं.
दस दिनों से धरना दे रहे हैं रेलवे अप्रेन्टिस
ट्रेन हादसे से जुड़े इनके दावे को जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि देशभर से जंतर-मंतर पर आए ये लड़के रेलवे अप्रेन्टिस की ट्रेनिंग कर चुके हैं और इनका दावा है कि देशभर में ऐसे पच्चीस हजार लड़के हैं, जिन्होंने ये ट्रेनिंग कर रखी है लेकिन रेलवे में जगह खाली होने के बाद भी सरकार इन्हें नौकरी नहीं दे रही है. अपनी इसी मांग को लेकर ये लड़के पिछले दस दिनों से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं.
बिना ट्रेनिंग के काम कर रहे कर्मचारी
बातचीत के दौरान कई लड़कों ने यह दावा किया कि यह हादसा ट्रैक पर बिना ट्रेनिंग के काम कर रहे कर्मचारियों की वजह से हुआ है. इन्होंने बताया कि ठेकेदार मजदूरों को ले आते हैं और उनसे काम करवाया जाता है, जिन्हें ट्रेन ट्रैक पर काम करने के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती. अगर वहां प्रशिक्षित लोग होते तो पटरी खोलने से पहले वो उससे कुछ दूरी पर, दोनों तरफ एक बोर्ड लगाते जिस पर ‘सावधान’ लिखा होता. लाल झंडा भी लगाते जिससे अगर कोई ट्रेन आ भी जाए तो ड्राइवर को मालूम चल जाए कि उसे ट्रेन की स्पीड कम करनी है या रोकनी है.
प्रशिक्षित लोगों से काम कराए रेलवे
इन लड़कों का दावा है कि वहां ऐसा कुछ था नहीं और इसी वजह से ट्रेन चालक, ट्रेन को पूरी स्पीड से ले गया और इतना बड़ा हादसा हो गया. इन लड़कों का कहना है कि सस्ते में काम करवाने की जगह रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए और उनके जैसे प्रशिक्षित लोगों को ही काम पर लगाना चाहिए.