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दिल्लीः जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के विरोध में निकाला एंटी अमेरिका मार्च

देश की राजधानी में मंगलवार को अमेरिका विरोधी मार्च निकाला गया. लाल झंडे के साथ ये मार्च ईरान के टॉप जनरल कासिम सुलेमानी को पिछले हफ्ते शुक्रवार को इराक के बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मार डालने के विरोध में हुआ. 

दिल्ली में अमेरिका विरोधी मार्च निकाला (फोटो-PTI) दिल्ली में अमेरिका विरोधी मार्च निकाला (फोटो-PTI)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST

  • जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के विरोध में निकाला मार्च
  • लाल झंडे के साथ निकाला मार्च, बताया बदला लेने का प्रतीक

देश की राजधानी में मंगलवार को अमेरिका विरोधी मार्च निकाला गया. लाल झंडे के साथ ये मार्च ईरान के टॉप जनरल कासिम सुलेमानी को पिछले हफ्ते शुक्रवार को इराक के बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मार डालने के विरोध में हुआ.  

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विरोध मार्च को दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर खत्म होना था लेकिन उसे पहले ही बीच रास्ते में रोक दिया गया. अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से मार्च को अमेरिकी दूतावास की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी.  

विरोध मार्च का नेतृत्व अहम शिया उलेमा मौलाना कल्बे जवाद और महमूद पारचा ने किया.

एक प्रदर्शनकारी ने इस मौके पर लाल झंडे की अहमियत बताते हुए कहा, ‘प्राचीन काल में जब कबीले युद्ध के लिए जाते थे और कबीले का कोई नेता मारा जाता था तो उसकी हत्या करने वाले के खिलाफ युद्ध के एलान के लिए लाल झंडा खड़ा किया जाता था. ये लाल झंडा अमेरिका से बदला लेने की हमारी मांग का प्रतीक है.’ 

इससे पहले अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को सुरक्षा के लिए दूतावास क्षेत्र से दूर रहने का अलर्ट जारी किया था.

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अमेरिकी दूतावास के अलर्ट में कहा गया था, ‘आज तीन मूर्ति रोड के आसपास और संभवत: अमेरिकी दूतावास के बाहर अमेरिका विरोधी प्रदर्शन होना निर्धारित है. पुलिस को इस प्रदर्शन की जानकारी है और उसकी तरफ से सुरक्षा बढ़ाई गई है. अमेरिकी दूतावास सलाह देता है कि अमेरिकी नागरिक 7 जनवरी को इन दोनों क्षेत्रों में जाने से बचें.’

कासिम सुलेमानी की हत्या पर अमेरिका के विरोध में दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. खास तौर पर उन देशों में जहां शिया आबादी है. भारत में भी शिया समुदाय की खासी मौजूदगी है. भारत का विदेश मंत्रालय अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और मामले की संवेदनशीलता पर बारीकी से नज़र रखे हुए है.

ये घटनाक्रम ऐसे वक्त पर हुआ है जब ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़ को रायसीना डॉयलॉग के लिए भारत का दौरा करना है. इस मौके पर ईरानी विदेश मंत्री की ओर से अमेरिका पर निशाना साधे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. ज़ारिफ़ नई दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए अलग से बैठक करेंगे.

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