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20, 25 या 30 सेकंड! मोबाइल रिंग टाइम पर टेलीकॉम कंपनियों में जंग, जानें क्या है वजह

रिलायंस जियो ने अपने नेटवर्क से जाने वाले आउटगोइंग कॉल का रिंग टाइम बढ़ाकर 25 सेकंड की, लेकिन भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां कम से कम 30 सेकंड रिंग टाइम की मांग पर अड़ी हैं.

रिंग टाइम को लेकर विवाद (प्रतीकात्मक तस्वीर) रिंग टाइम को लेकर विवाद (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

  • जियो ने आउटगोइंग कॉल का रिंग टाइम बढ़ाकर 25 सेकंड किया
  • एयरटेल और वोडाफोन आइडिया इसे 30 सेकंड रखने पर अड़ी हैं

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस जियो ने अपने नेटवर्क से जाने वाले आउटगोइंग कॉल का रिंग टाइम 20 से बढ़ाकर 25 सेकंड कर दिया है, लेकिन इससे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूसरी कंपनियों की नाराजगी कम नहीं हो रही, क्योंकि वे कम से कम 30 सेकंड रिंग टाइम रखने की मांग पर अड़ी हैं.

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टेलीकॉम कंपनियों की चेतावनी

गौरतलब है कि एयरटेल ने हाल में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) को एक लेटर लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर जियो की रिंग टाइम बरकरार रही तो दूसरी टेलीकॉम कंपनियां भी आउटगोइंग कॉल के लिए रिंग समय को घटाकर 20 सेकंड कर सकती हैं. एयरटेल ने ट्राई से अनुरोध किया था कि वह जियो से रिंग टाइम बढ़ाने को कहे.

इकोनॉमिक टाइम्स ने एक सूत्र के हवाले से खबर दी है, 'रिलायंस जियो ने अपने आउटगोइंग कॉल के लिए रिंग टाइम बढ़ाकर 25 सेकंड कर दिया है. यह एक तरह का अंतरिम कदम है और कंपनी इस बारे में ट्राई के गाइडलाइन का इंतजार कर रही है.'  TRAI को लिखे लेटर में एयरटेल ने आरोप लगाया है कि जियो रिंग टाइम घटाकर इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज (IUC) में छेड़छाड़ कर रही है. एयरटेल ने कहा है कि कम समय के रिंग अलर्ट का मतलब यह है कि मिस कॉल ज्यादा होगा और इस तरह से जियो के नेटवर्क में ज्यादा रिटर्न फोन कॉल होंगे.

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एयरटेल का कहना है कि इससे जियो निर्भर कंपनी को होने वाले आईयूसी भुगतान में कटौती कर सकती है. हालांकि जियो ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि 15-20 सेकंड दुनिया भर में अपनाया जाने वाला मानक है.

इस मसले पर ट्राई की 6 सितंबर की बैठक में चर्चा की गई थी. इस बैठक में एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल और एमटीएनएल ने किसी कॉल के जवाब के लिए कम से कम 30 सेकंड के रिंग टाइम रखने की बात का समर्थन किया था.

हालांकि, जियो ने कहा था कि रिंग टाइम 25 सेकंड का होना चाहिए, जियो का दावा था कि किसी कॉल वाले पक्ष को जवाब देने के लिए 20 सेकंड काफी है और ज्यादा समय रखने का मतलब स्पेक्ट्रम संसाधन की बर्बादी है. 

जियो के एक वरिष्ठ सूत्र ने अखबार से कहा कि 6 सितंबर को होने वाली बैठक से अब तक जियो के रुख में कोई बदलाव नहीं है और कंपनी को इस बारे में रेगुलेटर से कोई निर्देश नहीं मिला है. ट्राई ने इस बारे में एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर सुझाव मांगे हैं और टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे इस पेपर को अंतिम रूप मिलने से पहले किसी आम सहमति तक पहुंच जाएं.

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