
अरुणाचल प्रदेश के नीपको हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट में कथित घोटाले के आरोपों को लेकर जहां कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार को संसद में घेरने में जुटी हुई है वहीं अरुणाचल के कांग्रेसी नेता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के समर्थन में उतर गए हैं. इससे विपक्ष के हमलों से घिरी केंद्र की मोदी सरकार को बड़ी राहत मिल सकती है.
स्थानीय पंचायतों ने लिखी चिट्ठी
पिछले दो दिनों से कांग्रेस पार्टी रिजिजू के इस्तीफे की मांग के साथ संसद में हंगामा कर रही थी. लेकिन अब अरुणाचल के कई कांग्रेसी नेताओं ने पत्र लिखकर परियोजना में घोटाले के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि परियोजना में आ रही वित्तीय दिक्कतों के कारण उन्ही लोगों ने रिजिजू से मदद का अनुरोध किया था जिसके बाद उन्होंने जल्द काम कराने के लिए कहा.
भ्रष्टाचार के आरोप खारिज किए
अरुणाचल प्रदेश की तीन ब्लाक पंचायतों ने एक विद्युत परियोजना में कथित घोटाले में शामिल होने के आरोपों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू का बचाव करते हुए पूरे प्रकरण पर आक्रोश जाहिर किया है. राज्य में नाफरा, बिचुम और सिगचुंग पंचायतों के तीन पदाधिकारियों के हस्ताक्षर और मुहर के साथ जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि केमांग जल विद्युत परियोजना में घोटाले के आरोपों से उन्हें दुख पहुंचा है. पंचायतों ने ठेकेदार के पास लंबित उचित राशि दिलाने के लिए स्थानीय सांसद रिजिजू से हस्तक्षेप की मांग की थी. संबंधित ठेकेदार उपलब्ध कराई गयी सेवाओं के बदले भुगतान नहीं कर रहा था.
पंचायतों ने मांगी थी मदद
बयान में कहा गया है कि रिजिजू इस क्षेत्र के जन प्रतिनिधि हैं और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया था. इस पर केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर रिजिजू ने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है.
संसद में उठा था मामला
बयान में कहा गया है, हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं. हम में से कई सार्वजनिक जीवन में कांग्रेस पार्टी से जुडे हुए हैं. राज्य के चुने गए जनप्रतिनिधियों से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क करना हमारा अधिकार है और समस्याओं का समाधान करना उनकी जिम्मेदारी है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश में एक विद्युत परियोजना में घोटाले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के शामिल होने का आरोप लगाते हुए संसद में भारी हंगामा किया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी.